ब्यूरो के उप महानिरीक्षक हरेन्द्र कुमार महावर ने बताया कि पीपाड़ सिटी क्षेत्र निवासी परिवादी की शिकायत के आधार पर ब्यूरो ने चार हजार रुपए रिश्वत लेने पर साथीन गांव निवासी मध्यस्थ जितेन्द्र मूंदियाड़ा उर्फ जीताराम को गिरफ्तार किया। उससे घूस राशि बरामद की गई। उसने तहसील कार्यालय परिसर में स्टाम्प वेंडर व अन्य के लिए बने स्थान पर रिश्वत ली थी। तभी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चक्रवतीसिंह राठौड़ के नेतृत्व में उपाधीक्षककिशनसिंह चारण व निरीक्षक सुनीता कुमारी ने दबिश देकर मध्यस्थ जितेन्द्र को पकड़ लिया। ब्यूरो ने उससे तहसीलदार व रीडर से बात करवाने की कोशिश की, लेकिन उसने बात नहीं की। तत्पश्चात मध्यस्थ जितेन्द्र को गिरफ्तार किया गया।
रजिस्ट्री कराई, कमी बता 11 हजार खर्चा बताया
एसीबी ने बताया कि क्षेत्र में ही रहने वाले परिवादी ने कुछ दिन पहले पत्नी के नाम दो भूखण्डों की रजिस्ट्री करवाई थी। तहसील कार्यालय के पास निजी काम करने वाले मध्यस्थ जितेन्द्र ने रजिस्ट्री में कुछ गड़बड़ी बताई और बोला कि इसमें संशोधन करना होगा, लेकिन परिवादी ने ऐतराज जताया। मध्यस्थ ने 11 हजार रुपए की रसीद कटने की जानकारी दी। उसने परिवादी से कहा कि उसकी रीडर से बात हो गई है। उसे 11 हजार रुपए की रसीद कटवाने की आवश्यकता नहीं है। चार हजार रुपए ही देने होंगे और इतने में उसका काम हो जाएगा। उसने तहसीलदार का उल्लेख भी किया था।
एसीबी कार्रवाई होते ही ऑफिस छोड़कर भागे
परिवादी ने 24 जनवरी को एसीबी में लिखित शिकायत दी थी। एसीबी ने 27 जनवरी को गोपनीय सत्यापन किया था। जिसमें मध्यस्थ ने तहसीलदार व रीडर के नाम पर चार हजार रुपए रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। कार्यालय में दोनों रीडर मौजूद थे, लेकिन फिर दोनों गायब हो गए थे। ऑफिस खाली हो गया था। तहसीलदार के पास अतिरिक्त चार्ज है।