लक्ष्य पूरा करने का दबाव अब कर्मचारियों पर भी साफ दिख रहा है। हर विभाग के अधिकारी अपने अधीनस्थों को लक्ष्य पूरा करने के सख्त निर्देश दे रहे हैं। वहीं विभागीय कर्मियों का कहना है कि निर्धारित समय में लक्ष्य पाना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन वे अंतिम समय तक प्रयासरत रहेंगे। अब देखना यह होगा कि शेष 6 दिनों में जिले के यह विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर पाते हैं या नहीं। फिलहाल राजस्व वसूली को लेकर हर स्तर पर तेज प्रयास जारी हैं।
खनिज विभाग द्वारा भी लक्ष्य को पूरा करने के लिए कवायद की जा रही है। विभाग को वित्तीय वर्ष में 165 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया गया था। विभाग द्वारा अबतक 160 करोड़ रुपए जमा करा दिए गए हैं। 5 करोड़ रुपए की राशि शेष है। इसी प्रकार रेत में 70 करोड़ रुपए की रायलटी जमा होना है। अबतक 18 करोड़ रुपए जमा हो गए हैं। विभाग द्वारा इस लक्ष्य को पूरा करने प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी का कहना है कि लक्ष्य 135 करोड़ का लक्ष्य था, फिर संशोधित करके 165 करोड़ रुपए कर दिया गया था।
परिवहन विभाग में 8 करोड बकाया
परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी राजस्व वसूली को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं। विभाग द्वारा कटनी जिला को 58 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति का लक्ष्य दिया था। आरटीओ संतोष पाल ने बताया कि अबतक 50 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली की जा चुकी है। 8 करोड़ रुपए जमा कराने पहल जारी है। बता दें कि आरटीओ में रोड टैक्स, ट्रेड टैक्स, पुरानी गाडिय़ों का टैक्स, बसों का टैक्स, लाइसेंस फीस, नए वाहनों का पंजीयन फीस, रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण आदि की राशि जमा होती है, जिसे जमा कराने अधिकारी-कर्मचारी जुटे हुए हैं।
बिजली कंपनी वसूली में अभी काफी पीछे चल रही है। लगातार टीमें शहर से लेकर जिलेभर में सक्रिय हैं, लेकिन बिल नहीं जमा करा पा रही हैं। कनेक्शन काटने व कुर्की की कार्रवाई के बाद भी बात नहीं बन रही। बता कि मार्च माह में कंपनी को 40 करोड़ रुपए की वसूली करना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 16.50 करोड़ रुपए ही वसूला गया है। विभाग अभी लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। पुरानी वसूली में अधिक बकाया है। बता दें कि जिलेभर में 145 करोड़ रुपए बकाया है, जो कंपनी नहीं वसूल पा रही है।
नगर निगम भी लगा रहा ऐड़ी-चोटी
वित्तीय वर्ष की समाप्ति को लेकर नगर निगम द्वारा भी राजस्व वसूली को लेकर ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है। बता दें कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा 14 करोड़ रुपए के राजस्व वसूली का लक्ष्य तय किया गया था। अबतब नगर निगम ने पौने 11 करोड़ रुपए की वसूली कर ली है। पुराना 20 करोड़ रुपए बकाया था, जिसकी भी वसूली चल रही है। जलकर में 5.5 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया व पुराना 25 करोड़ रुपए बकाया है। जिसमें भी 6 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली हो गई है। शेष वसूली के लिए प्रक्रिया जारी है। राजस्व अधिकारी जागेश्वर पाठक ने कहा कि 31 मार्च तक के लिए नेशनल लोक अदालत की तर्ज पर 100 फीसदी पेनाल्टी में छूट मिल रही है। जो बकायादार 31 मार्च तक राशि जाम नहीं करेंगे, फिर टैक्स की राशि दोगुनी हो जाएगी। करदाताओं के स्वयं के आवासीय उपयोग वाली संपत्तियों के संपत्ति कर में 50 प्रतिशत की रियायत दी जाती है। यह रियायत चालू वित्तीय वर्ष में संपत्तिकर का भुगतान करने वालों को ही दिया जाने का प्रावधान है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की अवधि समाप्त होने के बाद संपत्ति कर का भुगतान न करने वालों को यह रियायत नहीं दी जाएगी और अगले वित्तीय वर्ष अप्रैल से शत-प्रतिशत वार्षिक भाड़ा मूल्य के आधार पर संपत्ति कर की गणना की जाकर निर्धारण किया जाएगा। इस तरह करदाताओं को दोगुनी राशि देना होगी।
जिला पंजीयक विभाग भी लक्ष्य को पूरा करने के लिए जमकर पसीना बहा रहा है। अवकाश के दिन भी रजिस्ट्रियां हो रही हैं। शनिवार-रविवार को भी रजिस्ट्री की जा रही है। बता दें कि पंजीयन विभाग में औसतन 80 से 100 दस्तावेज हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार विभाग को इस साल 135 करोड़ रुपए दस्तावेजों के माध्यम से राजस्व जमा करने का लक्ष्य दिया गया था। विभाग द्वारा अबतक 110 रुपए राजस्व जमा कराया जा चुका है।