सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम द्वारा 2025-26 के लिए 511 करोड़ रुपए से अधिक का बजट तैयार किया गया है। इसमें राजस्व आय लगभग 134 करोड़ रुपए, राजस्व व्यय लगभग 127 करोड़ रुपए, आय पर व्यय का आधिक्य लगभग 7 करोड़ रुपए, पूंजीगत प्राप्तियां लगभग 376 करोड़ रुपए, पूंजीगत व्यय लगभग 383 करोड़ रुपए, पंूजीगत प्राप्तियों का व्यय पर आधिक्य (आय पर पूंजीगत व्यय का आधिक्य) लगभग 67 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। शुद्ध आधिक्य लगभग 23 करोड़ रुपए है। इस प्रकार से कुल राजस्व+पूंजीगत कुल आय लगभग 511 करोड़ 49 लाख 32 हजार रुपए व राजस्व+पंूजीगत कुल व्यय 511 करोड़ 26 लाख 26 हजार रुपए बताया जा रहा है। शुद्ध आधिक्य 23 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार 2024-25 का तीन लाख 96 हजार 720 रुपए लाभ का बजट तैयार किया गया था। यह बजट राजस्व आय 117 करोड़ 89 लाख 78 हजार रुपए, राजस्व व्यय 107 करोड़ 83 लाख 66 हजार रुपए, 280 रुपए रहा है। राजस्व व्यय पर आय का आधिक्य 10 करोड़ 6 लाख 11 हजार 720 रुपए, पूंजीगत प्राप्तियां 460 करोड़ 64 लाख 22 हजार, पंूजीगत व्यय 470 करोड़ 66 लाख 47 हजार रुपए, आय पर व्यय का आधक्य 10 करोड़ दो लाख 15 हजार रुपए, कुल राजस्व पूंजीगत व्यय प्राप्ति 578 करोड़ 54 लाख, राजस्व एवं पूंजीगत व्यय 578 करोड़ 50 लाख 280 रुपए व कुल व्ययों पर आय का आधिक्य 3 लाख 96 हजार 720 रुपए तैयार किया गया है।
6 मार्च को भेजी जा चुकी है फाइल
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम के अधिकारियों द्वारा पहले बजट तैयार करने में देरी की गई। इसके बाद महापौर के पास मामला अटका हुआ है। यह फाइल मेयर इन काउंसिल में जाएगी, इसके बाद परिषद में आएगी, इसके बाद बजट पर मुहर लगेगी। जानकारी के अनुसार 6 मार्च का महापौर के पास फाइल भेजी जा चुकी है। बताया जा रहा है कि इसमें पहले चर्चा करने के लिए लिखकर लौटा दी गई थी। अबतक मामला अटका हुआ है।
बजट को देरी से जारी करने की परिपाटी कई वर्षों से चली आ रही है, जबकि फरवरी माह में इसे पास हो जाना चाहिए। 2024-25 का बजट भी 16 जुलाई को पास हो पाया था। पहले 2 जुलाई को परिषद में रखा गया, लेकिन तत्कालीन आयुक्त विनोद शुक्ला की अनुपस्थिति के कारण चर्चा नहीं हो पाई थी। पूर्व के वर्षों का भी यही रवैया रहा है।
हवा हवाई दिखीं बजट की घोषणाएं
बजट में मेयर हेल्पलाइन के लिए 40 लाख रुपए के प्रावधान तय हुए थे, यह हेल्पलाइन कारगर साबित नहीं हुई। वृक्षारोपण में भी विशेष रुचि नहीं दिखाई गई। जहां पौधे लगे वह सूख गए। 6 करोड़ से चल रहा सीएम की घोषणा पर रिवरफ्रंट का काम, 3 करोड़ से मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत बस स्टैंड का हो रहा निर्माण आदि अबतक पूरे नहीं हुए। चौपाटी नवीनीकरण, पार्किंग विकास 3 करोड़ रुपए, पेयजल अमृत 2.0 50 करोड़, कटायेघाट में पर्यटन स्थल व सस्पेंसन ब्रिज के लिए 3 करोड़ रुपए सिर्फ प्रस्ताव तक सीमित हैं। स्पेशल असिस्मेंट स्कीम के तहत माधवनगर से पन्ना तिराहा 3 किलोमीटर सडक़ विकास एवं उन्नयन के लिए 22 करोड़ रुपए प्रस्तावित रहा। ए रविंद्र राव स्कूल में कक्षा 1 से 10वीं तक एमपी बोर्ड अंग्रेजी माध्यम से को-एजुकेशन के रूप में प्रारंभ करने, बस स्टैंड के सामने डॉ. भीमराव अंबेडकर, दुर्गा चौक खिरहनी में सावित्री बाई फुले की प्रतिमा स्थापित कराए जाने व चौराहों का सौंदर्यीकरण अबतक नहीं हो पाया। ट्रांसपोर्ट नगर अबतक शिफ्ट नहीं हो पाया।
निकम्मेपन का है नमूना: पार्षद
अबतक बजट पास न होने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पार्षद मिथलेश जैन का कहना है कि यह नगर निगम का निकम्मापन है, जिनको शहर विकास की कोई चिंता नहीं है। मार्च माह तक में बजट पास न होना घोर बेपरवाही है। ननि के जनप्रतिनिधि का फोटो खिंचाने में ध्यान है। 15 फरवरी तक बजट पास हो जाना चाहिए था। नगर निगम अधिनियम के अनुसार 30 नवंबर तक आयुक्त द्वारा बजट तैयार कर देना चाहिए। इसके बाद इसे मेयर इन काउंसिल में चला जाना था। एमआइसी द्वारा जनवरी में पास कर परिषद
में 15 फरवरी तक पास करा लिया जाना था।
बजट हमारे पास विभाग से ही लेट आया है। उसमें चर्चा चल रही है। 2 या 3 अप्रेल को एमआइसी में रखा जाएगा। यहां से स्वीकृति के बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
प्रीति सूरी, महापौर।
बजट तैयार कर महापौर के समक्ष भेजा जा चुका है। उनके निर्देशन में ही आगे की प्रक्रिया होनी है।
नीलेश दुबे, आयुक्त।