शिक्षकों को जल्द लाभ और कमीशन का झांसा देकर वर्ष 2021-22 में कुछ ठगों ने स्थानीय शिक्षकों के माध्यम से पूरे क्षेत्र में नेटवर्क फैलाया। शुरुआती किश्तें चुकाकर भरोसा जगाने के बाद फरवरी-मार्च 2025 से किश्तें जमा करना बंद कर दिया गया, जिससे पीड़ितों के वेतन से भारी कटौती शुरू हो गई।
प्रभारी प्राचार्य सहदेव मरकाम ने स्वीकार किया कि उन्होंने 30 लाख का लोन लिया था, जिसमें से अधिकांश राशि आगे वालों को दे दी। कई अन्य शिक्षक भी एचडीएफसी बैंक के संजय कुमार नामक खाते में राशि ट्रांसफर करने की बात स्वीकार कर चुके हैं। मार्च 2025 में अशोक खांडेकऱ सहित कुछ शिक्षकों ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन 100 दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई या खुलासा सामने नहीं आया है।
इस तरह की लोन
ठगी की शिकायतें सारंगढ़ सहित राज्य के अन्य हिस्सों से भी सामने आई हैं, जिसमें श्यामसुंदर जांगड़े नामक व्यक्ति का नाम प्रमुखता से उभरकर आ रहा है। बिना विभागीय अनुमति, कई बैंकों से लोन लेकर संदेहास्पद खातों में ट्रांसफर करने वाले सरकारी कर्मचारी अब भारी कर्ज के बोझ से जूझ रहे हैं और प्रशासनिक चुप्पी के कारण असहाय महसूस कर रहे हैं।