CG News: आपूर्ति बनाए रखने में मिली मदद
होली के दिन दोपहर दो से ढाई बजे के बीच कोरबा पश्चिम संयंत्र के स्वीच यार्ड में स्थित 400/220 केवी
आईसीटी में आग लग गई थी। इससे संयंत्र की 210 मेगावाट की चौथी और 500 मेगावॉट की पांचवीं इकाई उत्पादन से बाहर हो गई थी। घटना के 48 घंटे के भीतर प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चालू कर लिया था। सोमवार को पांचवीं इकाई को भी चालू कर लिया गया।
हालांकि अभी आग से जले हुए
आईसीटी के स्थान पर नया आईसीटी नहीं लगाया गया है बल्कि स्वीच यार्ड में स्थित दूसरे आईसीटी से जोड़कर पांचवीं इकाई को उत्पादन में लाया गया है। चौथी और पांचवीं इकाई के शुरू होने से छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी को काफी राहत मिली है। दोनों इकाइयों के चालू होने से लगभग 620 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
6100 मेगावाट से अधिक पहुंची मांग
इधर, सोमवार को प्रदेश में बिजली की मांग 6100 मेगावाट को पार कर गई। इसका बड़ा कारण प्रदेश में बढ़ती गर्मी को बताया जा रहा है। सोमवार को राजधानी रायपुर का
अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा में भी सोमवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ रही है। इससे प्रदेश सरकार को अपनी घरेलू और औद्योगिक जरुरताें को पूरा करने के लिए अधिक सेंट्रल पूल से अधिक करीब 3400 मेगावाट बिजली लेनी पड़ रही है। एक दिन पहले जब कोरबा पश्चिम संयंत्र की 5वीं इकाई बंद थी तो प्रदेश सरकार को सेंट्रल पूल से करीब 4000 मेगावाट बिजली लेनी पड़ रही थी।