CG Dhan Kharidi: पंजीयन कराकर 9694 किसानाें ने नहीं बेचा धान
CG Dhan Kharidi: सहकारी समितियों की ओर से धान की जांच की गई और इन्हें खरीदा गया। इन्हें खरीदकर अलग-अलग बोरियों में रखा गया लेकिन समय पर उठाव शुरू नहीं हो सका और अभी जिले के अलग-अलग केंद्रों में
धान की बोरियां पड़ी हुई है। इस बीच धान खरीदी ने पिछले साल के रिकार्ड को तोड़ दिया है। पिछले साल लगभग 28 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी।
इस बार पैदावार अधिक होने से किसान बड़ी संख्या में धान की बोरियां लेकर
खरीदी केन्द्रों तक पहुंचे। अलग-अलग केन्द्रों में धान खरीदी की निर्धारित तिथि तक 29 लाख 15 हजार 548 क्विंटल धान की खरीदी हुई। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि धान खरीदी के बदले किसानों को 670 करोड़ 57 लाख 62 हजार रुपए का भुगतान किया गया है।
कुल खरीदी का 18 फीसदी धान केन्द्रों में शेष
समर्थन मूल्य पर प्रशासन की ओर से जितना धान खरीदा गया है उसका लगभग 17.75 फीसदी हिस्सा खरीदी केन्द्रों में पड़ा हुआ है। इसे उठाने के लिए विपणन विभाग की ओर से मिलर्स को डीओ जारी किया गया है लेकिन उठाने की शर्त कठिन होने के कारण मिलर्स समय पर कोरबा जिले के
धान खरीदी केंद्रों से बोरियों का उठाव नहीं कर पा रहे हैं।
जिले के 65 उपार्जन केंद्रों पर 5 लाख 16 हजार 135 क्विंटल धान पड़ा हुआ है। हालांकि विपणन विभाग का कहना है कि मिलर्स को धान उठाने के लिए दबाव डाला जा रहा है और जल्द ही जिले से धान की बोरियों का उठाव कर लिया जाएगा। अलग-अलग केन्द्रों पर सबसे अधिक मोटा धान जाम है। इस साल किसानों ने समर्थन मूल्य पर मोटा और सरना धान ही बेचा है।
किसानों ने पतला धान का एक दाना भी नहीं बेचा सरकार को
इस साल पहली बार ऐसा हुआ है जब किसानों ने प्रदेश सरकार को एक दाना भी पतला धान नहीं बेचा है। बताया जाता है कि प्रदेश मोटा धान का उपज अधिक होने के कारण किसानों ने सबसे अधिक इसकी बोआई की थी। कुछ क्षेत्रों में किसानों ने अपनी घरेलू जरूरतों को पूरी करने के लिए पतला धान उठाया है लेकिन कीमत कम होने के कारण पतला धान सरकार को नहीं बेचा है।
किसान अब पतला धान की मिलिंग कराकर अपने घर में इस्तेमाल करेंगे। जरूरत से ज्यादा पतला धान बाजार में बेच देंगे। बरपाली और हरदीबाजार क्षेत्र में पतला धान की बोआई होती है।
किसा सोसायटी में कितना धान शेष
केन्द्र शेष धान (क्विं. में) उतरदा 11411 बोइदा 10340 कटघोरा 5618 कनकी 8332 करतला 13445 केरवाद्वारी 19960 कुल्हरिया 12752 कोथारी 7283 कुदमुरा 1860 कोरकोमा 7019 चचिया 4302 कोरबी पाली 14398 कोरबी पोड़ी 14901 चिकनीपाली 12514 लबेद 7407 छुरीकला 6923 सुमेधा 1339 जटगा 12101 तुमान जटगा 2450
जवाली 3444 रंजना 642 तिलकेजा 5376 नवापारा 21226
29 लाख क्विंटल से अधिक की हुई खरीदी
इस साल प्रदेश सरकार को समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 54 हजार 121 किसानों ने पंजीयन कराया था। लेकिन 44 हजार 427 किसानों ने ही धान की बिक्री की है। 9694 किसान धान बेचने के लिए नहीं पहुंचे। इसके पीछे क्या कारण है यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन चर्चा है कि इन किसानों के पास धान नहीं था। इस कारण से इन्होंने ऐसा कदम उठाया। वहीं प्रशासन का कहना है कि धान खरीदी को लेकर शुरू से सतर्कता बरती जा रही है। उन किसानों से ही धान खरीदा गया जिन्होंने अपने खेत में धान का उत्पादन किया था। जिन्होंने धान की बोआई नहीं की थी उन पर नजर थी और वे बिचौलियों का धान सोसायटी में नहीं खपा सके। किसानों ने लगभग 56 हजार 157 हेक्टेयर में लगाए गए धान की फसल को सरकार बेचा है।