कार्डियक सर्जन डॉ. पलकेश अग्रवाल ने बताया कि कोटा निवासी आशना ने 4 मार्च को निजी अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया। उसे कुछ दिन वहां भर्ती रखा गया। बाद में 11 मार्च को झालावाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में रेफर किया गया। यहां जांच में पता चला कि नवजात का हार्ट कंप्लीट ब्लॉकेज है। इस कारण उसका हृदय मात्र 25 फीसदी क्षमता पर काम कर रहा था।
उसकी हृदय गति सामान्य से काफी कम (40-50 धड़कन प्रति मिनट) थी, जबकि नवजात शिशुओं में धड़कन 130 प्रति मिनट होनी चाहिए। इस स्थिति में हार्ट फेलियर का खतरा बना हुआ था। 12 मार्च को चिरंजीवी योजना के तहत पेसमेकर लगाने की सर्जरी हुई। इस ऑपरेशन के बाद अब नवजात पूरी तरह स्वस्थ है। वह सामान्य रूप से दूध पी रही है।
डॉ. अग्रवाल के अनुसार, सर्जरी के बाद नवजात की 100-120 धड़कन प्रति मिनट तक पहुंच गई है, जिससे अब उसका हृदय सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। आने वाले 4-5 वर्षों में केवल पेसमेकर की बैटरी बदलनी होगी, बाकी किसी बड़ी समस्या की संभावना नहीं है।