Nirmala Sitharaman Saree On Budget 2025: मधुबनी साड़ी में बजट पेश करने पहुंची निर्मला सीतारमण, जानिए बिहार की इस साड़ी का इतिहास
Nirmala Sitharaman Saree On Budget 2025: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करते समय मधुबनी कला क्षेत्र की पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दुलारी देवी की भेट की हुई साड़ी पहनी है। देखिये उनकी इस चर्चित साड़ी की खासियत और इतिहास के बारे में…
Nirmala Sitharaman Saree On Budget 2025: आज यानि 1 फरवरी को बजट पेश किया जा रहा है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हर बार नए अंदाज में भारतीय संस्कृति को अपने पहनावा से दिखाती हैं। वित्त मंत्री ने इस बार बजट 2025 पेश करने के लिए बिहार की पारंपरिक मधुबनी साड़ी पहनी है, जो क्रीम कलर और गोल्डन बॉर्डर के साथ मधुबनी आर्ट प्रिंट डिजाइन से बनी हुई है। उनकी यह शानदार साड़ी भारतीय हथकरघा और बिहार की संस्कृति को सम्मान और गौरवान्वित कर रही है। आइए जानते हैं मधुबनी साड़ी का इतिहास और खासियत के बारे में….
हर साल बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहनावा खास होता है और उनकी साड़ी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाती है। इस बार उन्होंने मधुबनी साड़ी पहनी, जो बिहार की पारंपरिक चित्रकला से सजी होती है। मधुबनी कला को दुनियाभर में पहचान मिली है और यह साड़ी बिहार की संस्कृति और कला को दर्शाने का एक सुंदर जरिया है। उनकी यह साड़ी भारतीय हथकरघा और कारीगरी को प्रमोट करने का भी संदेश दे रही है।
2. क्या है मधुबनी साड़ी की खासियत?
मधुबनी साड़ी की खासियत इसमें बनी मिथिला पेंटिंग होती है। यह पेंटिंग पूरी तरह हाथ से बनाई जाती है और इसमें देवी-देवताओं, प्रकृति, पौराणिक कथाओं और विवाह से जुड़े चित्र होते हैं। इस कला को खासतौर पर प्राकृतिक रंगों से तैयार किया जाता है, जिससे यह साड़ी पर्यावरण के अनुकूल होती है। मधुबनी साड़ी की यही खासियत इसे आम साड़ियों से अलग बनाती है। यह सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी माना जाता है।
मधुबनी साड़ी बनाने में कारीगर को महीनों का समय लग जाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले कपड़े को तैयार किया जाता है, फिर कलाकार हाथ से बेहद बारीक चित्रकारी से करते हैं। इस पेंटिंग में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल होता है, जिससे यह साड़ी टिकाऊ रहती है और लंबे समय तक अपनी चमक बरकरार रखती है। एक बेहतरीन मधुबनी साड़ी को तैयार करने में महीनों लग सकते हैं। मधुबनी साड़ी को तैयार करने में काफी मेहनत लगती है, तब जाकर कई चरणों में ये साड़ी अपनी खूबसूरती से सबका दिल जीत लेती हैं।
4. कौन है दुलारी देवी?
मधुबनी कला के क्षेत्र में दुलारी देवी का नाम काफी सम्मान के साथ लिया जाता है। वह मछुआरा समुदाय से आती हैं, जहां आमतौर पर लोग चित्रकला से नहीं जुड़ते, लेकिन उन्होंने अपने हुनर से पूरी कहानी को बदल दी। दुलारी देवी ने प्रसिद्ध चित्रकार कर्पूरी देवी से यह कला सीखी और अपनी मेहनत से इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
आज वह 10, 000 से ज्यादा पेंटिंग बना चुकी हैं और उनकी चित्रकला की 50 से ज्यादा प्रदर्शनियां हो चुकी हैं। उन्होंने 1000 से ज्यादा बच्चों को मधुबनी कला सिखाई और 2021 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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