बालासन (Child’s Pose)
बालासन एक आरामदायक योगासन है जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। यह पीठ, कंधों और गर्दन को आराम देता है और मन को शांति प्रदान करता है।घुटनों के बल बैठकर, अपने माथे को धीरे-धीरे जमीन पर टिका लें। दोनों हाथों को आगे की दिशा में फैलाएं और गहरी सांसें लें। इस स्थिति में कुछ समय के लिए आराम से स्थिर रहें, ध्यान केंद्रित करें और अपने शरीर को पूरी तरह से शिथिल कर लें।
शवासन (Corpse Pose)
शवासन एक प्रभावी योगासन है जो शरीर और मन को पूरी तरह से विश्राम देता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है और माइग्रेन के दर्द को भी कम करने में सहायक हो सकता है।पीठ के बल लेटकर, अपने शरीर को पूरी तरह से फैला लें। दोनों हाथों को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखें और उंगलियों को हल्का सा घुमाएं। अपनी आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और शांति से कुछ मिनटों तक इसी स्थिति में आराम करें। मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ाने के लिए हर एक श्वास पर ध्यान दें
भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन छाती को खोलने और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने वाला आसन है। यह कंधों और गर्दन को मजबूत करता है और माइग्रेन की स्थिति में भी राहत प्रदान करता है।पेट के बल जमीन पर लेट जाएं और दोनों हाथों को कंधों के नीचे रखें। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, ध्यान रखें कि कूल्हे और पैरों को जमीन पर ही रहने दें। अपनी छाती और सिर को ऊपर उठाते हुए गहरी सांसें लें। इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहें और शरीर में खिंचाव का अनुभव करें।
वज्रासन (Thunderbolt Pose)
वज्रासन एक बैठने का आसन है जो पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है। यह माइग्रेन और सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकता है।घुटनों के बल बैठकर, अपनी एड़ियों पर शांति से बैठें। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और पीठ को सीधा रखें। धीरे-धीरे गहरी सांसें लें और इस स्थिति में कुछ देर शांतिपूर्वक बैठें। इस आसन में बैठने से मस्तिष्क को शांति मिलती है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom-Vilom Pranayama)
अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक शक्तिशाली श्वास अभ्यास है जो मन को शांत करता है और तनाव को दूर करता है। यह प्राचीन प्राणायाम माइग्रेन के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।एक आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और अपनी आंखें बंद करें। फिर, एक नासिका से गहरी सांस लें, दूसरे नासिका से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं और धीरे-धीरे सांसों की गति को नियमित करें। यह प्राणायाम आपके मन और शरीर को शांति और संतुलन प्रदान करता है।