एक साथ उठीं पांच अर्थियां
परिवार के हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान लखनऊ के बालागंज निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सिंह (35), उनकी पत्नी प्रियांशी (30), पिता सत्य प्रकाश (60), मां रामा देवी (55) और छह महीने की मासूम बेटी के रूप में हुई है। जब इनकी अर्थियां उठीं तो प्रत्यक्षदर्शियों की आंखें नम हो गईं।
ब्रांच मैनेजर थीं प्रियांशी
हादसे के शिकार अभिषेक किन पत्नी प्रियांशी बैंक ऑफ बड़ौदा में शाखा प्रबंधक के पद पर थीं। अभिषेक खुद एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। उनकी हाल में ही शादी हुई थी। अभी 6 महीने की बेटी थी। बेटी का नामकरण नहीं हुआ था। परिवार के लोग उसे श्री कहकर बुलाते थे। कफन में लिपटी नन्ही सी जान
अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु के साथ-साथ उनके चाचा चंद्रप्रकाश और परिजनों ने कापते हुए हाथों से अर्थियों को कंधा दिया। कफन में लिपटी हुई नन्ही सी मासूम बच्ची का शव देखकर हर किसी का रूह कांप गया। शवों को ले जाने के लिए दो गाड़ियां मंगाई गई थीं — एक में अभिषेक और प्रियांशी के शव थे, जबकि दूसरी में उनके माता-पिता के। चारों शवों को हिमांशु ने मुखाग्नि दी। वहीं पास में मां की चिता के करीब मासूम श्री का शव लेकर उसके मामा खड़े थे। मां की चिता से थोड़ी दूरी पर श्री को उसके मामा और ताऊ ने नम आंखों से दफनाया।