रघुराज सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये नेता सत्ता के लोभ में अपने मूल आदर्शों से भटक गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वोट की राजनीति के चलते ये लोग अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेता बाबर जैसे आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं और भगवान राम की परंपरा को तिरस्कार करते हैं, जबकि हिंदू समाज अब जागरूक हो गया है और ऐसे नेताओं को नकारने का मन बना चुका है।
रघुराज सिंह के बिगड़े बोल
श्रम एवं रोजगार मंत्री रघुराज सिंह ने विवादास्पद बयान दिया है। एक बयान में रघुराज सिंह ने कहा, “ये मुगलों के नाजायज औलाद हैं इसलिए ऐसी बातें कर हैं। बाबर आक्रांता था। हम तो भगवान राम के विचारधारा से हैं। वोट के खातिर ये दूसरे के बाप को बाप कहते हैं। लेकिन हिंदू समाज समझ चुका है। अब इन सबकी जमानत जब्त होगी।”
आने वाले चुनाव में जमानत जब्त होना तय
उन्होंने आगे कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी जड़ों को भूलकर इतिहास के हमलावरों की महिमा करता है, तो उसका असली चेहरा सामने आ जाता है। रघुराज सिंह ने दावा किया कि जनता अब सच्चाई समझ चुकी है और आगामी चुनावों में ऐसे नेताओं की जमानत जब्त होना तय है। पश्चिम बंगाल की स्थिति पर बोलते हुए रघुराज सिंह ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की तुलना रामायण की घटनाओं से की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ताड़का राक्षसी शक्तियों का प्रतीक थी, उसी प्रकार ममता बनर्जी भी राज्य में अराजकता फैलाने वालों को प्रोत्साहन दे रही हैं। उनका कहना था कि जैसे रामायण में ताड़का का अंत हुआ, वैसे ही आगामी चुनावों में ममता बनर्जी की हार निश्चित है।
ममता बनर्जी पर भी दिया बयान
उन्होंने ममता बनर्जी पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वे वोट बैंक की राजनीति के लिए मस्जिदों में जाती हैं, नमाज पढ़ती हैं लेकिन मंदिरों से दूरी बनाए रखती हैं। मंत्री ने दावा किया कि देश में अब रामराज्य की स्थापना की ओर कदम बढ़ रहे हैं और जनता ऐसे भेदभाव करने वाले नेताओं को नकार देगी।