गांव में नहीं है चिकित्सक
ग्रामीणों के मुताबिक पोथिंग गांव में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो बन गया, लेकिन वहां अब तक चिकित्सक और फार्मासिस्ट के पद रिक्त हैं। अस्पताल में सुविधा नहीं होने के कारण छोटी बीमारी के उपचार के लिए भी लोगों को 20 किमी दूर सीएचसी कपकोट जाना पड़ता है। इस गांव में बच्चों लेकर बुर्जुग तक बदहाल स्वास्थ्य सेवा के चलते लाचार हैं। ये भी पढ़ें-
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निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य भूपेश गढ़िया के मुताबिक गांव में इस वक्त 70 बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं। कुछ बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत भी है। सीएचसी कपकोट के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. बृजेश घटियाल के मुताबिक पोथिंग गांव में बच्चों के बीमार होने की सूचना मिली है। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की टीम पोथिंग गांव भेजी जाएगी।