सुरक्षा नियमों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन सख्त
सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला लिया है। परिसर में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और छात्रों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। कुलपति प्रो. जेपी पांडे ने सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से इस नियम का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
क्या हैं नए नियम?
- नए दिशा-निर्देशों के अनुसार:
- सभी दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनकर आना अनिवार्य होगा।
- चारपहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट लगाना जरूरी होगा।
- नियमों का उल्लंघन करने वालों को परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
- सुरक्षा गार्ड्स प्रवेश द्वार पर सभी वाहनों की जांच करेंगे।
- नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
छात्रों और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम का छात्रों और शिक्षकों ने स्वागत किया है। कई छात्रों का मानना है कि यह निर्णय न केवल परिसर के भीतर बल्कि बाहर भी सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
AKTU के छात्र अंकित मिश्रा ने कहा, “यह नियम हमारे सुरक्षा के लिए है, जिससे हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने की आदत विकसित होगी।” वहीं, प्रो. अनिल शर्मा ने कहा कि यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक साबित होगा।
सुरक्षा जागरूकता अभियान भी होगा शुरू
विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही सुरक्षा जागरूकता अभियान भी चलाएगा, जिसमें छात्रों और कर्मचारियों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके तहत:
- हेलमेट और सीट बेल्ट के महत्व पर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
- ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से विशेष कार्यशालाएं होंगी।
- नियमों का पालन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।
- परिसर के बाहर भी हेलमेट और सीट बेल्ट चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
यूपी में पहले भी हो चुके हैं ऐसे प्रयास
उत्तर प्रदेश सरकार पहले भी सड़क सुरक्षा को लेकर कई कदम उठा चुकी है। लखनऊ ट्रैफिक पुलिस द्वारा हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर सख्त अभियान चलाए गए हैं, लेकिन इस बार विश्वविद्यालय स्तर पर यह फैसला सड़क सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ेगी
विश्वविद्यालय प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि इन नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए। सभी प्रवेश द्वारों पर गार्ड्स को तैनात किया जाएगा, जो हेलमेट और सीट बेल्ट की जांच करेंगे। AKTU और इसके संबद्ध संस्थानों में लागू यह नियम न केवल छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी लाने में मदद करेगा। हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता से जागरूकता बढ़ेगी और सुरक्षित यातायात की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव आएगा।