Ansal Fraud: लखनऊ में अंसल ग्रुप पर फिर फंसा शिकंजा, 8 और 10 लाख की धोखाधड़ी के दो नए मामले दर्ज
Ansal Fraud FIR Registered: लखनऊ में अंसल ग्रुप के खिलाफ रियल एस्टेट धोखाधड़ी के दो नए मामले सामने आए हैं। गोमतीनगर निवासी और सुशांत गोल्फ सिटी के अधिवक्ता ने फ्लैट दिलाने के नाम पर क्रमशः 8 लाख और 10.44 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Ansal Property Fraud: लखनऊ में अंसल ग्रुप पर फिर फंसा शिकंजा, 8 और 10 लाख की धोखाधड़ी के दो नए मामले दर्ज लखनऊ में रियल एस्टेट कंपनी अंसल एपीआई (Ansal API) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सुशांत गोल्फ सिटी थाने में धोखाधड़ी की दो और एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरोप है कि अंसल ग्रुप ने फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों की ठगी की। ताजा मामलों में दो पीड़ितों ने कुल 18.44 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
पहली एफआईआर गोमतीनगर निवासी द्वारा दर्ज कराई गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अंसल ग्रुप ने फ्लैट देने का वादा करके उनसे 8 लाख रुपये ले लिए लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी फ्लैट न तो दिया गया और न ही पैसा लौटाया गया। शिकायतकर्ता ने कंपनी के प्रोजेक्ट कार्यालयों और संबंधित कर्मचारियों से कई बार संपर्क किया, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले।
दूसरी एफआईआर – हाईकोर्ट अधिवक्ता से 10.44 लाख की ठगी
दूसरा मामला और भी गंभीर है। यह शिकायत एक हाई कोर्ट अधिवक्ता ने की है, जो सुशांत गोल्फ सिटी क्षेत्र के निवासी हैं। उन्होंने अंसल ग्रुप पर 10.44 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। अधिवक्ता का आरोप है कि 2016 में उन्होंने एक प्रीमियम अपार्टमेंट बुक कराया था। तय समयसीमा में निर्माण पूरा नहीं हुआ और बार-बार पत्राचार के बावजूद अंसल ग्रुप की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
संबंधित दस्तावेज़ और निर्माण प्रगति में पारदर्शिता की कमी
आपराधिक धोखाधड़ी और भरोसे का उल्लंघन
पुलिस की कार्रवाई
सुशांत गोल्फ सिटी थाना पुलिस ने दोनों मामलों में IPC की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), और अन्य संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और संबंधित लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह ठगी किसी संगठित साजिश का हिस्सा तो नहीं।
अंसल ग्रुप पर पहले भी दर्ज है मामले
यह पहला मामला नहीं है जब अंसल ग्रुप पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हों। बीते कुछ वर्षों में लखनऊ सहित उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में अंसल एपीआई के खिलाफ प्रोजेक्ट डिले, अधूरे निर्माण, नकली वादों, और रिफंड न देने की शिकायतें सामने आती रही हैं।
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक इस तरह के मामले उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत तो आते ही हैं, साथ ही यह आपराधिक धोखाधड़ी की श्रेणी में भी आते हैं। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो कंपनी प्रबंधन और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
पीड़ितों की चिंता
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने वर्षों की बचत इस विश्वास पर निवेश की थी कि उन्हें एक सुरक्षित आवास मिलेगा, लेकिन अब वे ठगे हुए महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में जल्द से जल्द न्यायिक कार्रवाई हो और उन्हें उनका हक मिले।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों का भरोसा बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गया है। विशेषज्ञ मानस गुप्ता मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं पूरे उद्योग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं और ईमानदार बिल्डरों पर भी असर डालती हैं।
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