प्रतिघंटे 18 सौ लोग करेंगे यात्रा
इस रोपवे प्रोजेक्ट के तहत प्रति घंटे दोनों ओर से 1,800 लोग यात्रा कर सकेंगे। रोपवे के जरिये रोजाना 18,000 लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकेंगे। रोपवे से कम समय में श्रद्धालु एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच जाएंगे। केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई से पूरी की जाती है। वहीं, दूसरी ओर गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी लंबी रोपवे कुल 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई की जाती है। यह दूरी पैदल, टट्टुओं या पालकियों से पूरी की जाती है। प्रस्तावित योजना हेमकुंड साहिब के तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। ये भी पढ़ें-
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रोपवे बनने के बाद श्रद्धालु नौ घंटे की मुश्किल चढ़ाई के बजाय 36 मिनट में केदारनाथ धाम पहुंच जाएंगे। सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक 18 किमी खड़ी चढ़ाई वाला रास्ता है। इस दुरूह रास्ते से पैदल चलकर श्रद्धालु नौ घंटे में केदारनाथ पहुंचते हैं। रोपवे श्रद्धालुओं की राह आसान कर देगा। हेली सेवा का खर्च वहन न कर पाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ये रोपवे प्रोजेक्ट राहत लेकर आएगा। इससे आने वाले वर्षों में बाबा केदारनाथ धाम ओर हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी तय मानी जा रही है।