scriptTiger Rescue: लखनऊ के रहमान खेड़ा में 91 दिन बाद वन विभाग ने बाघ को किया रेस्क्यू, बेंगलुरु से आई टीम ने किया ट्रेंकुलाइज | Tiger Rescued in Lucknow’s Rahman Kheda After 90 Days of Operation | Patrika News
लखनऊ

Tiger Rescue: लखनऊ के रहमान खेड़ा में 91 दिन बाद वन विभाग ने बाघ को किया रेस्क्यू, बेंगलुरु से आई टीम ने किया ट्रेंकुलाइज

Tiger Danger: लखनऊ के रहमान खेड़ा इलाके में 90 दिनों से दहशत का कारण बने बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया। बेंगलुरु से आई विशेषज्ञ टीम की मदद से बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया। इस दौरान बाघ ने 25 से अधिक जानवरों का शिकार किया था, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल था।

लखनऊMar 06, 2025 / 08:33 am

Ritesh Singh

Tiger Heritage

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 Tiger Operation: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहमान खेड़ा इलाके में तीन महीने से आतंक का कारण बना बाघ आखिरकार वन विभाग के हाथों रेस्क्यू हो गया। वन विभाग की 100 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम लगातार 91 दिनों से इस बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही थी। बाघ अब तक 25 से अधिक जानवरों का शिकार कर चुका था, जिससे इलाके के लोग बेहद डरे हुए थे। बेंगलुरु से विशेष रूप से आई वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम की मदद से इस बाघ को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित पकड़ लिया गया। वन विभाग ने इसे जोन-2 में ट्रेंकुलाइज किया, जिसके बाद यह बेहोश हो गया।
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91 दिन तक चला बाघ पकड़ने का ऑपरेशन

रहमान खेड़ा क्षेत्र में बाघ की आमद तीन महीने पहले दर्ज की गई थी। ग्रामीणों और किसानों ने बाघ को खेतों और जंगलों में घूमते हुए देखा था। इसके बाद वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए एक विशेष ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन बाघ बेहद चालाक था और किसी भी जाल में नहीं फंस रहा था।
Tiger Rescue
वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए कैमरा ट्रैप, ड्रोन सर्विलांस और गश्ती दल की मदद ली। कई बार ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार बाघ बच निकलता था। इस बीच, बाघ ने 25 से अधिक पालतू और जंगली जानवरों का शिकार कर लिया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ गई थी।

बेंगलुरु से आई टीम ने संभाली कमान

उत्तर प्रदेश वन विभाग ने आखिरकार बेंगलुरु से वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया। इस टीम में अनुभवी डॉक्टर और ट्रेंकुलाइजेशन विशेषज्ञ शामिल थे। बुधवार को विशेषज्ञों की टीम ने बाघ की गतिविधियों का अध्ययन किया और सही समय पर उसे ट्रेंकुलाइज कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को जोन-2 में ट्रेंकुलाइज किया गया और बेहोश होते ही उसे सुरक्षित पकड़ लिया गया। अब बाघ को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा।

कैसे पकड़ा गया बाघ

  • ड्रोन और कैमरा ट्रैप का इस्तेमाल – बाघ की लोकेशन को ट्रैक करने के लिए कई जगहों पर कैमरा ट्रैप लगाए गए और ड्रोन की मदद से उसकी मूवमेंट पर नजर रखी गई।
  • लाइव बAIT (चारा) का इस्तेमाल – बाघ को आकर्षित करने के लिए प्राकृतिक शिकार वाले क्षेत्रों में लाइव चारा रखा गया।
  • विशेषज्ञों की निगरानी – बेंगलुरु से आई विशेषज्ञों की टीम ने सही समय पर बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की योजना बनाई।
  • सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन – ट्रेंकुलाइजेशन के बाद बाघ को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
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इलाके में फैली थी दहशत

रहमान खेड़ा और आसपास के गांवों में बाघ के आतंक के कारण लोग रात में घर से बाहर निकलने से डरते थे। किसान खेतों में काम करने से बच रहे थे और पशुपालकों को अपने जानवरों की सुरक्षा को लेकर चिंता थी। बाघ के रेस्क्यू होने से स्थानीय लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं।

क्या होगा बाघ का भविष्य?

बाघ को फिलहाल वन विभाग की निगरानी में रखा गया है। विशेषज्ञों की टीम उसके स्वास्थ्य की जांच कर रही है। अगर बाघ पूरी तरह से स्वस्थ पाया जाता है, तो उसे किसी संरक्षित जंगल या टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बाघ संभवत किसी अन्य जंगल से भटक कर इस इलाके में आ गया था। अब इसे उचित स्थान पर शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
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बाघों का जंगलों से भटकना क्यों हो रहा है आम?

  • विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में जगह की कमी और शिकार की कमी के कारण बाघ अब रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार:
  • जंगलों की कटाई – जंगलों का दायरा लगातार कम हो रहा है, जिससे बाघों का प्राकृतिक आवास प्रभावित हो रहा है।
  • शिकार की कमी – जंगलों में हिरण, नीलगाय और अन्य शिकार की संख्या घट रही है, जिससे बाघ भोजन की तलाश में बाहर निकल रहे हैं।
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष – जैसे-जैसे इंसानी बस्तियां जंगलों के करीब बढ़ रही हैं, बाघों और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है।
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वन विभाग ने की लोगों से अपील

वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें भविष्य में कोई बाघ नजर आए, तो वे तुरंत वन विभाग को सूचित करें। वन विभाग के अधिकारी इसे सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करने के लिए उचित कदम उठाएंगे। रहमान खेड़ा में 90 दिन तक फैली दहशत का अंत हो गया है। वन विभाग और विशेषज्ञों की कड़ी मेहनत के चलते बाघ को सुरक्षित पकड़ लिया गया है। यह ऑपरेशन न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इंसानों और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है।

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