CG News: लापरवाही..
बताते हैं कि गरियाबंद में वन विभाग को तेंदुए के घायल होने की सूचना सुबह ही मिल गई थी। इसके बावजूद विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तकरीबन 2 घंटे देर से पहुंचे। तेंदुए को वहां से
गरियाबंद ले आए और यहां 2 घंटे तक रखा। फिर इलाज के लिए रायपुर निकले। जंगल सफारी पहुंचकर इलाज शुरू हो पाता, तेंदुए ने उससे पहले ही दम तोड़ दिया। वन विभाग को सुबह जिन लोगों ने सबसे पहले घायल तेंदुए की जानकारी दी थी, मौत की खबर सुनकर उनका कहना था कि विभाग ने लापरवाही की।
घटना स्थल पर ही तेंदुआ काफी देर तक तड़पता रहा। उसके सिर से लगातार खून बह रहा था। समय पर इलाज मिलता, तो जान बच सकती थी। उल्लेखनीय है कि गर्मी के दिनों में जंगल में पानी कमी होने के कारण अक्सर जंगली जानवर गांवों की ओर आ जाते हैं। उन्हें इसके लिए हाइवे पार करना पड़ता है। हाइवे पर तेज
रफ्तार गाड़ियों की चपेट में वे आ जाते हैं। कुछ दिनों पहले एक हिरण का शावक और भालू की भी मौत गाड़ी की चपेट आने से हुई थी।
दोनों का पोस्टमार्टम
पिथौरा में ढाबे के पास मिले भालू के शव का
महासमुंद में तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया। मामले में पुलिस ने भी अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। वहीं गरियाबंद के तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम रायपुर में किया गया।