पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर का कारण एक शिक्षिका द्वारा घोटाले की खबर प्रसारित करने को बताया गया। इस पर मंत्री ने तीखा बयान देते हुए कहा, “अगर शिक्षिका को पत्रकारों की खबर से समस्या है और वह कोई और काम करना चाहती हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।” मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस प्रकरण पर चर्चा करने का भरोसा भी दिलाया है। उन्होंने साफ कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, और उनके खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री अनिल राजभर का यह बयान उनके घोसी प्रवास के दौरान आया है, जिससे पत्रकार समुदाय को बड़ा संबल मिला है। अब इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे निष्पक्षता के साथ न्याय हो सके।
जानिए स्कूल न जाने का प्रकरण
आपको बता दें कि मऊ जिले के परदहा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय रणवीरपुर विद्यालय की एक अध्यापिका विद्यालय नहीं जाती थीं। जब पत्रकारों ने इस संबंध में खबर चलाई तो अध्यापिका पर कार्रवाई की जगह पत्रकारों पर अध्यापिका द्वारा फर्जी एफआईआर दर्ज करवा दिया गया।