गौरतलब है कि यह मामला 31 मार्च 2021 को उस समय सुर्खियों में आया जब पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश करने के लिए एक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया। यह एंबुलेंस (UP-41-AT-7171) बाराबंकी के नंबर पर पंजीकृत थी और मऊ की श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय के नाम पर पाई गई।
जांच में खुलासे पर डॉ अल्का राय का नाम सामने आया
जांच में खुलासा हुआ कि उक्त एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी ARTO कार्यालय में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कराया गया था। इस मामले में 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी कोतवाली नगर पुलिस ने डॉ. अलका राय, उनके भाई डॉ. शेषनाथ राय और मऊ निवासी राजनाथ यादव के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद 4 जुलाई 2021 को पुलिस ने मुख्तार अंसारी समेत कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। 25 मार्च 2022 को बाराबंकी के जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें डॉ. अलका राय, उनके भाई सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।
अब अदालत द्वारा संपत्ति बहाली की अपील खारिज किए जाने के बाद डॉ. अलका राय की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।