उन्होंने कहा, “जब हम अयोध्या में राम मंदिर की बात करते थे, तो लोग कहते थे कि यह संभव ही नहीं है। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। जब योगी जी की सरकार में शिलान्यास हुआ, तब वही लोग जो एक ईंट रख कर दिखाने का सवाल उठाते थे, वे कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर सके।”
मऊ के माफिया राज पर भी बोले
मंत्री ने मंच से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का नाम लिए बिना मऊ के माफिया राज पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “योगी सरकार से पहले माफिया जब सड़क पर निकलता था, तो जनता तो छोड़िए, अधिकारी तक सड़क किनारे खड़े हो जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। योगी सरकार ने माफिया राज को खत्म कर दिया है।” मऊ में मुख्तार अंसारी का लंबे समय तक दबदबा रहा है, ऐसे में मंत्री का यह बयान राजनीतिक हलचल तेज कर सकता है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की बयानबाजी को वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
मंत्री के इस बयान को लेकर विपक्ष ने भी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मऊ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह की बयानबाजी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकती है। अब देखना होगा कि मंत्री गिरीश चंद्र यादव के इस बयान पर सियासी गलियारों में और क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।