मुरैना. सामाज कल्याण विभाग द्वारा विकलांगों के वितरण के लिए मंगाई गई बैटरी वाले रिक्शे वितरण न होने के चलते ‘कबाड़’हो रहे हैं जबकि विकलांग रिक्शा के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। जनसुनवाई में भी विकलांग रिक्शा की मांग को लेकर पहुंचे हैं लेकिन उनको रिक्शा नहीं मिल पा रहा है।
यहां बता दें कि विकलांग हितग्राहियों को आने जाने में परेशानी न हो, इसके लिए शासन ने बैटरी वाले स्वचलित रिक्शा की व्यवस्था की गई है। केन्द्र सरकार ने इन रिक्शाओं के वितरण का कॉन्ट्रेक्ट एलिम्को कंपनी को दिया गया है। कंपनी द्वारा शिविर लगाकर विकलांगों को रिक्शाओं का वितरण किया जाता है। मुरैना में अक्टूबर 2024 में कंपनी ने शिविर लगाया था, उस समय 418 रिक्शा आए थे। उनमें से चिन्हिंत हितग्राहियों को रिक्शाओं का वितरण किया गया लेकिन करीब आधा सैकड़ा ई रिक्शा आज भी जिला दिव्यांगता पुनर्वास केन्द्र में पड़े हैं, जो कबाड़ हो रहे हैं।
पैसे लेकर रिक्शा देने का आरोप जिला दिव्यांगता पुनर्वास केन्द्र में तैनात एक जिम्मेदार कर्मचारी पर विकलांगों ने पैसे लेकर रिक्शा वितरण करने का आरोप लगाया है। कुछ विकलांग ऐसे भी हैं जिनके शिविर में कार्ड बन चुके हैं, लेकिन उनको रिक्शा नहीं मिला है। ये कहना हैं विकलांगों का
जिला दिव्यांगता पुर्नवास केन्द्र में तैनात कर्मचारी मनीष शर्मा पैसे लेकर रिक्शाओं का वितरण कर रहे हैं। जबकि मेरे को कार्ड भी इश्यू हो गया है, उसके बाद भी रिक्शा नहीं दिया जा रहा है। कालीचरन शर्मा, विकलांग
रिक्शा के लिए जनसुनवाई में भी आवेदन दे चुका हैं, जिला पुनर्वास केन्द्र पर कई चक्कर लगा चुका हैं, उसके बाद भी रिक्शा नहीं मिला। शासन की योजना का पात्र हितग्राहियों को समय पर लाभ नहीं मिल रहा। मुकेश सिंह, विकलांग कथन
रिक्शा वितरण का काम एलिम्को कंपनी का है, हमारा काम तो डेटा उपलब्ध कराना ैहै। अक्टूबर में कंपनी का शिविर लगा था, उस समय 418 रिक्शा आए थे, कुछ बंट गए, जो रह गए हैं, उन हितग्राहियों को सूचना भेजी जा चुकी है, लेकिन वह नहीं आए हैं, उन रिक्शाओं को दूसरे को तभी दे सकते हैं जब संबंधित हितग्राही नहीं लेता है। अगले शिविर के लिए कंपनी को हमने पत्र लिखा है। जो रिक्शा रखे हैं, उनको जब वितरित किया जाएगा तब कंपनी दुरस्त करके ही देगी। प्रतिज्ञा शर्मा, डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी, सामाज कल्याण विभाग
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