कुत्तों का नहीं हो रहा वैक्सीनेशन
नगर निगम को शहर में विचरण कर रहे आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन के साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम भी चलाना चाहिए और पालतू कुत्तों का पंजीयन भी अनिवार्य रूप से किया जाए, जिससे लोगों को राहत मिल सके। लेकिन निगम द्वारा पिछले लंबे समय से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। परिवार नियोजन न होने पर शहर में कुत्तों की पैदावर बढ़ती जा रही है जो राह चलते लोगों के जीवन के लिए खतरा बन रहे हैं।
इम्यूनोग्लोबिन के लिए ग्वालियर जाना पड़ता है मरीज को
जंगली जानवर या पागल कुत्ते द्वारा किसी को काटा है और काटे हुए स्थान पर ज्यादा मांस फाड़ दिया है तो ऐसी स्थिति में पीडि़त को इम्यूनोग्लोविन इंजेक्शन भी लगवाना आवश्यक होता है। यह इंजेक्शन सरकारी खरीद में नहीं आता इसलिए जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, इसके लिए पीडि़त को ग्वालियर जाना पड़ता है। पूर्व में कई मरीज ग्वालियर जा चुके हैं।
जानवर के काटने पर ये उपाय करें
जंगली जानवर या कुत्ते के काटने पर सबसे पहले साबुन के झाग बनाकर पानी की तेज धार से काटे हुए स्थान को दबा-दबा कर धोए जिससे खून के साथ रैवीज वाइरस भी निकल जाए। इसके अलावा काटने के उसी दिन या दूसरे दिन अर्थात 24 घंटे में पहला एंटी रैवीज इंजेक्शन लगवाएं। उसके बाद तीसरे दिन, सातवे दिन, 14 वे दिन और 28 वे दिन इंजेक्शन लगवाएं और 90 दिन बाद बूस्टर लगवाएं।
डॉग बाइट की स्थिति
18 मार्च 125
17 मार्च 150
15 मार्च 130
13 मार्च 130
12 मार्च 100
11 मार्च 110 इन दिनों जिला अस्पताल में रोजाना 100 से 150 के बीच डॉग बाइट के मरीजों को इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। इसके लिए आवश्यक है कि आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन और परिवार नियोजन जैसे कदम उठाए जाएं, तभी लोगों को राहत मिल सकती है।
डॉ. योगेश तिवारी, सीनियर मेडिसिन विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय
आवारा कुत्तों को वैक्सीनेशन और परिवार नियोजन कराया जाता है, इसके लिए प्लानिंग की जा रही है, जल्दी ही इस व्यवस्था को अमलीजामा पहनाया जाएगा।