कार्यक्रम सुबह दस बजे से शुरू हुआ। ऊंट सजावट प्रतियोगिता में निंबी जोधा के मोतीराम देवासी, बीकानेर के ग्राम अक्कासर निवासी रामलाल कूकना व बीकानेर के इसी क्षेत्र के श्रवण के ऊंट शामिल हुए। रंगीन झालरों से सजे-धजे ऊंट प्रतियोगिता में आए तो पर्यटकों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर कर ऊंट को सजाया था।
ऊंटों ने दिखाई कलाबाजी
प्रतियोगिता में ऊंटों के नृत्य प्रदर्शन में झुंझुनूं जिले के कोलिंदा के नंद कुमार, अमित कुमार, निंबी जोधा के मोतीराम देवासी, झुंझुनूं जिले के जंजुसर क्षेत्र के प्रवीण, झुंझुनूं जिले के मालसर क्षेत्र के महेन्द्र जाट एवं नागौर के मेरासी क्षेत्र के त्रिलोकराम सैन के ऊंट शामिल हुए। सजे-धजे ऊंटों को पहले चारपाई पर सवार कराया गया। इसके पश्चात चारपाई पर ऊंटों ने कलाबाजी का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता में शामिल ऊंटों का चारपाई पर चढ़ना , फिर नृत्य की विभिन्न मुद्राओं में कलाबाजी दिखाते हुए प्रदर्शन करना देखकर पर्यटकों ने दांतो-तले उंगलियां दबा ली। ऊंटों के नृत्य प्रदर्शन शानदार रहे।
रामदेव पशु मेले में ऊंटों की संख्या दो हजार पार
रामदेव पशु मेला में पशुओं की आवक का आंकड़ा चार हजार के पार पहुंच गया है। सर्वाधिक संख्या ऊंटों की रही। ऊंटों की संख्या मेले में 2078 पहुंच गई है। जबकि गोवंश की संख्या 1596 तक है। भैंस वंश 365 व घोड़ों की संख्या 35 है। बुधवार तक कुल पशुओं का आंकड़ा 4104 रहा। मेला प्रभारी डॉ. महेश कुमार मीणा ने बताया कि पशुओं की आवक जारी, आंकड़ा और बढ़ेगा। पशु मेले में बाहर से आए व्यापारी बुधवार को पशुपालकों से उनके पशुओं की खरीद को लेकर बातचीत करने में लगे रहे। अब तक बैलों की पचास हजार से लेकर दो लाख तक की जोडिय़ां पहुंच चुकी है। इनका व्यापारी पूरे दिन मोलभाव करते रहे। सौदा तय होने पर पशुपालकों ने पेशगी भी दी। पशुपालकों ने बताया कि खरीद तो लगभग हो गई, अब जिस दिन सफेद चिट्टी बनेगी। पैसा भी उसी दिन सौंपा जाएगा।
विदेशी पर्यटकों ने की ऊंट की सवारी
मेले अमेरिका से आए पर्यटकों के दल ने ऊंट की सवारी का आनंद लिया। सुबह कुछ पर्यटक ऊंटों की प्रतियोगिता देख रहे थे, तो कई पर्यटक ऊंट की सवारी पर निकल गए। पर्यटकों ने एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक पशु मेला का नजारे देखा और कैमरे में कैद किया। मेले में करीब चार- पांच घंटे रहे विदेशी सैलानी पशु पालकों के बीच पहुंचे और उनसे बातचीत की। इससे पशुपालक खासे उत्साहित रहे। प्रशस्ति पत्र दिया
प्रतिभागियों को इस वर्ष प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार की जगह केवल बेहतर प्रदर्शन के लिए बतौर सम्मान प्रमाण पत्र दिया गया। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि इस वर्ष सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप यह प्रमाण पत्र दिया है, ताकि प्रतिभागी खुद को बेहतर महसूस करते हुए ऐसे कार्यक्रमों के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
मेले में शामिल होने के लिए पहुंच रहे पशुपालक
पशु मेले में शामिल होने बुधवार को जोधपुर रोड, बीकानेर रोड पर कई पशुपालक अपने पशुओं के साथ मेला मैदान के लिए जाते नजर आए। देर शाम तक उनके आने का सिलसिला जारी रहा।