मंत्री अनिल विज ने यह भी कहा कि वह अपना जवाब सार्वजनिक नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो कुछ उन्होंने लिखा है, उसकी कतरने वह घर जाकर जला देंगे। विज ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि नोटिस को सार्वजनिक क्यों किया गया। उनका कहना था कि उन्हें मीडिया से ही नोटिस के बारे में जानकारी मिली, जबकि वह इसे पहले ही प्राप्त कर चुके थे। विज ने यह भी कहा कि अगर पार्टी चाहे तो इसकी जांच करवा सकती है, और अगर वह न चाहे तो यह उनकी मर्जी है।
उन्हें भेजे गए नोटिस में हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने कहा था कि अनिल विज ने हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं, जो पार्टी की नीति और आंतरिक अनुशासन के खिलाफ है। बडौली ने यह भी कहा कि विज का यह कदम उस समय पर उठाया गया है, जब पार्टी दिल्ली में चुनावों के लिए अभियान चला रही थी, और यह पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है।
यह नोटिस और अनिल विज की प्रतिक्रिया तब आई है, जब 11 फरवरी (मंगलवार) को हरियाणा के मुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, जिसमें राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनावों और अनिल विज को भेजे गए नोटिस पर चर्चा की गई थी।