पवन खेड़ा ने मालवीय पर साधा निशाना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तुलना मीर जाफर से करने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एतराज जताया। उन्होंने कहा कि फिर तो विदेश मंत्री जयशंकर को जयचंद कहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री कहते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन की शुरुआत में अमेरिका और पाकिस्तान को सूचित किया था। ऑपरेशन की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना क्यों जरूरी था? अगर आप शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित कर सकते थे, तो आपने पुंछ के लोगों को क्यों नहीं बताया कि आप क्या कर रहे थे? आपने अपने नागरिकों की सुरक्षा क्यों नहीं की? झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने की निंदा
झारखंड कांग्रेस प्रदेश राजेश ठाकुर ने
राहुल गांधी की मीर जाफर से तुलना करने की निंदा की। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर की बातों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत के आजाद होने से पहले ही ये लोग अंग्रेजों के एजेंट रहे हैं और हमें मीर जाफर बता रहे हैं। पहले आरएसएस को मीर जाफर और जयचंद की कंपनी कहा जाता था।
राज्यसभा सांसद ने बताया ओछी राजनीति
राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद ने राहुल गांधी की मीर जाफर से तुलना को ओछी राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह इतिहास सभी को पता है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस आजादी की लड़ाई लड़ रही थी, तब बीजेपी और आरएसएस के लोग कहां थे, यह देश जानता है। ऐसे में राहुल गांधी की तुलना मीर जाफर से करना न केवल शर्मनाक है, बल्कि सार्वजनिक जीवन में इस तरह की बयानबाजी निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। कौन था मीर जाफर
मीर जाफर को गद्दारी की वजह से जाना जाता है। मीर जाफर नवाब सिराजुद्दौला का सेनापति था और नवाब बनने के लालच में अंग्रेजों से मिल गया। प्लासी के युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला की सेना का मुकाबला अपनी से आधी अंग्रेजों की सेना से हुआ। मीर जाफर ने नवाब सिराजुद्दौला से गद्दारी की। जिसके कारण बंगाल के नवाब की इस युद्ध में हार हो गई। इसके बाद बंगाल पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। फिर अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बना दिया।