क्या है मामला?
एक स्कूल शिक्षक ने आत्महत्या करने का फैसला किया, लेकिन वह नहीं चाहता था कि किसी को पता चले कि उसने आत्महत्या की है। वह अपनी मौत को प्राकृतिक दिखाना चाहता था। लेकिन यह कैसे संभव हो सकता था? इसके लिए उस शिक्षक ने एक योजना बनाई। उसने अपने पड़ोस में रहने वाले एक मूक-बधिर व्यक्ति पर उस ज़हर का परीक्षण करने का फैसला किया, जिसे वह स्वयं पीने वाला था। लेकिन उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उसकी यह योजना न केवल उसकी, बल्कि तीन लोगों की जान ले लेगी। यह पूरी घटना चौंकाने वाली है।
कहां का है मामला?
यह मामला गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित नडियाद टाउन का जवाहर नगर इलाके का है। यहाँ गुजरात पुलिस एक व्यक्ति को अपराध स्थल के पुनर्निर्माण के लिए लेकर पहुंची। एक भयावह अपराध को अंजाम देने के बाद, वह व्यक्ति पुलिस के साथ विभिन्न स्थानों पर घूम-घूमकर अपनी साजिश की कहानी बता रहा था, और पुलिस उसकी हर बात को तुरंत सत्यापित कर रही थी।
कैसे हुआ खुलासा?
मामला पुलिस के पास पहुंचा और नडियाद पुलिस ने जांच शुरू की। शुरू में इस मामले को तीन लोगों की अस्वाभाविक मौत के रूप में दर्ज किया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी तीनों की मौत का प्रारंभिक कारण हृदय गति रुकना बताया गया। पुलिस को शुरू में इस मामले में जहरीली शराब पर शक था, इसलिए तीनों के खून के नमूने जांच के लिए भेजे गए। लेकिन खून की जांच में मिथाइल एल्कोहल जैसा कोई पदार्थ नहीं मिला, जिससे जहरीली शराब की आशंका खारिज हो गई। हालांकि, जब मृतकों की विसरा रिपोर्ट सामने आई, तो मौत की असली वजह का पता चल सका।