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जेल में ‘मोबाइल शॉप’, डॉक्टर की होती थी तीन गुणा कमाई; NIA ने किया चौंकाने वाला खुलासा

बेंगलूरु केंद्रीय कारागार में एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि एक मनोचिकित्सक जेल में कैदियों को मोबाइल फोन बेच रहा था। वह बाहर से 8-10 हजार रुपये में फोन खरीदकर जेल में 25 हजार रुपये में बेचता था। यह घोटाला आतंकी टी. नसीर के मामले में सामने आया है

बैंगलोरJul 23, 2025 / 07:12 am

Mukul Kumar

प्रतीकात्मक तस्वीर। (फोटो- पत्रिका)

बेंगलूरु केंद्रीय कारागार में बंद लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े आतंकी टी. नसीर द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की गई जांच से पता चला है कि जेल का एक मनोचिकित्सक बाहर से आठ-दस हजार रुपए के मोबाइल फोन खरीद कर जेल में कैदियों को 25000 रुपये में बेच रहा था।
आतंकी नसीर पर जेल में युवा कैदियों को कट्टरपंथी बनाने का आरोप है। एनआइए ने मनोचिकित्सक डॉ. एस नागराज को कैदियों को मोबाइल फोन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

एनआइए कर रही जांच

नसीर केरल में आतंकी वारदात के मामले में सजायाफ्ता है और 2008 के बेंगलुरु सीरियल बम धमाकों और जेल में कट्टरपंथ फैलाने के मामले में उन पर मुकदमा चल रहा है।
एनआइए मामलों की विशेष अदालत ने जांए एजेंसी को कुछ कैदियों से जेल में पूछताछ की अनुमति दे दी है जिन्होंने डॉ. नागराज से मोबाइल खरीदे हैं।

जांच एजेंसी मोबाइल खरीद के लिए धन के स्रोत का भी पता लगाएगी। एनआइए को जांच में पता चला कि डॉ. नागराज लग्जरी लाइफ जीता है।

बाल विवाह के तहत मामला दर्ज

उधर, एक अन्य मामले की बात करें तो कर्नाटक में एक व्यक्ति पर बाल विवाह अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसने अपनी पत्नी पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि रायचूर महिला पुलिस ने पति ततैया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह पुष्टि होने के बाद कि उसने 15 साल की एक नाबालिग लड़की से शादी की है। यह मामला बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है।
पूछताछ के दौरान, पुलिस ने दस्तावेजों की जांच की और पत्नी की उम्र का पता लगाया, जिसके आधार पर बाल विवाह का आरोप लगाया गया।

आरोप ने शुरुआत में पुलिस से संपर्क किया था और आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी ने उसे नदी में धकेलकर मारने का प्रयास किया था।
इस शिकायत के बाद, राज्य बाल अधिकार आयोग ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद, देवासुगुर के पंचायत विकास अधिकारी रविकुमार ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
बाल संरक्षण इकाई ने नाबालिग पत्नी को हिरासत में लेकर उसे सुधार गृह भेज दिया है। उधर, रायचूर महिला पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। यह चौंकाने वाली घटना हाल ही में सामने आई।

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