मंजू को नहीं थी घटना की जानकारी
शुरुआत में मंजू के भी इस हत्या में शामिल होने के संदेह के साथ पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। लेकिन जांच के दौरान इस बात का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले। मंजू ने भी पुलिस को दिए बयान में यही कहा था कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी। साथ ही आरोपी पिता ने भी अपना गुनाह कबूल किया था और पत्नी के इसमें शामिल होने की कोई बात नहीं कही थी। इसके बाद अब जांच अधिकारियों ने भी मंजू को क्लीन चिट दे दिया है। उन्होंने कहा, मंजू को न तो दीपक के अपनी बेटी की हत्या की कथित योजना के बारे में पता था और न ही उन्होंने गोलीबारी देखी थी।
लोगों के तानों से परेशान होकर बेटी की हत्या की
आरोपी दीपक ने पुलिस पुछताछ में इस बात को स्वीकार किया है कि उसने लोगों के तानों से परेशान होकर बेटी की हत्या कर दी। उसने कहा कि लोग उसे बेटी की कमाई पर जीने का ताना देते थे और इस बात से उसे काफी मानसिक तनाव था और इसी के चलते उसने बेटी को गोली मार दी। दीपक ने रसोई में काम कर रही राधिका पर पीछे से पांच बार फायरिंग की। इसमें से चार गोलियां राधिका को लगी और वह उसके फेफड़ों से होती हुई दिल को छेद गई। इससे राधिका के शरीर के अंदरूनी हिस्सों में काफी चोटें आई जिनके चलते उसकी मौत हो गई।
एकेडमी को लेकर था झगड़ा
जांच में सामने आया है कि, राधिका एक टेनिस एकेडमी चलाती थी और इस बात से दीपक को नाराजगी थी। दीपक का कहना था कि उसके गांव के लोग और जानने वाले उसे बेटी की कमाई खाने का ताना देते थे और इसी के चलते उसने कई बार राधिका को एकेडमी बंद करने को कहा। हालांकि दीपक ने ही राधिका को एकेडमी शुरु करने के लिए प्रोत्साहित किया था और उसे इसके लिए 2 करोड़ रुपये भी दिए थे। लेकिन इसके शुरु होने के एक महीने के अंदर ही उसने राधिका से इसे बंद करने को कह दिया। राधिका ने पिता की बात नहीं मानी और दोनों के बीच इस बात को लेकर झगड़ा होने लगा। झगड़ा इतना बढ़ गया कि दीपक ने गुस्से में बेटी की हत्या कर दी।
दीपक को हो रहा है अफसोस
एक जांच अधिकारी के अनुसार, पुलिस हिरासत में अपने एक रिश्तेदार से मुलाकात के दौरान दीपक ने पहली बार बेटी की हत्या करने का अफसोस जताया है। वह अपने रिश्तेदार के सामने रोने लगा और उसने कहा कि उससे कन्या वध हो गया है। उसने आग्रह किया कि, उसकी गलती के लिए उसे फांसी की सजा दिलवाई जाए।