अजीत ने कहा, “रेलवे स्टेशन पर हमारा एक त्रि-सेवा कार्यालय है। जब मैं अपनी ड्यूटी के बाद लौट रहा था, तो मैं नहीं जा सका क्योंकि वहां बहुत भीड़ थी… मैंने लोगों को समझाने की कोशिश की और लोगों से बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा होने से बचने की अपील करते हुए घोषणाएं भी कीं। प्रशासन किसी दुर्घटना को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था… मैंने अपने एक दोस्त की मदद से घायल लोगों की भी मदद की”।
बता दें कि, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में तीन बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो गई। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने घटना को लेकर कहा कि, “जब यह घटना घटी, उस समय पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी और जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर खड़ी थी। इस दौरान प्लेटफॉर्म 14-15 की ओर आ रहा एक यात्री सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गया और उसके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए और यह दुखद घटना घटी। इसकी उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच की जा रही है।