Trump छेड़ेंगे New World Trade WAR! क्या भारत की दोस्ती के आएगा आड़े?
Donald Trump की टैरिफ वॉर शुरू हो गया है, जो कनाडा, मैक्सिको और चीन को निशाना बना रहा है! यह टैरिफ इन देशों पर बड़ा असर डाल सकता है, लेकिन भारत का क्या? भारत की अर्थव्यवस्था और व्यापार संबंधों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
Trade WAR: भारत में लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त है, लेकिन दुनिया भर में एक खबर गूंज रही है- खबर अमेरिका और उसके व्यापारिक सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ने। डोनाल्ड ट्रंप के पुराने वादे-“अमेरिका फर्स्ट”-ने दुनिया भर में हलचल बढ़ा रखी है। भारत, जो अमेरिका का बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इस तनाव की छाया में आ चुका है।
2025 में भारत एक मज़बूत राह पर है। अर्थव्यवस्था 6.5% की रफ्तार से बढ़ रही है। सड़कें, रेलवे और डिजिटल नेटवर्क देश को जोड़ रहे है। नरेंद्र मोदी की सरकार “मेक इन इंडिया” को आगे बढ़ा रही है, जिससे विदेशी कंपनियां भारत में निवेश कर रही है। 2024 में भारत ने 450 अरब डॉलर का निर्यात किया, जिसमें अमेरिका को 80 अरब डॉलर से ज़्यादा का माल गया—स्टील, दवाएं, कपड़े और आईटी जैसी सेवाएं… देश की आधी से ज़्यादा आबादी 35 साल से कम उम्र की है, जो हमारी ताकत है। मगर मुश्किलें भी है-7% बेरोजगारी, गाँवों में संकट और 5% से ऊपर की महंगाई। अमेरिका से रिश्ते मज़बूत हैं, लेकिन ट्रंप के आने के बाद व्यापार पर मतभेद पढ़ गए हैं।
ट्रंप के पहले कार्यकाल (2017-2021) में ही भारत पर टैरिफ का दबाव शुरू हुआ था। साल 2018 में अमेरिका ने भारतीय स्टील पर 25% और एल्यूमीनियम पर 10% टैरिफ लगाया था। जवाब में, भारत ने अमेरिकी बादाम, सेब और स्टील प्रोडक्ट्स पर शुल्क बढ़ाया था। 2025 में ट्रंप की वापसी के साथ ये नीतियां फिर से सख्त होने की आशंका थी। ट्रंप ने चुनाव प्रचार में कहा था कि वे विदेशी आयात पर टैरिफ बढ़ाएंगे-10% से 20% तक-खासकर चीन, भारत और यूरोप से आने वाले माल पर।
अमेरिकी स्टील और दवा कंपनियां सस्ते आयात से परेशान थीं। भारत, जो अमेरिका को 1.5 अरब डॉलर का स्टील और 7 अरब डॉलर की जेनेरिक दवाएं भेजता है, जो अब निशाने पर है। मौजूदा तनाव से साफ़ है अमेरिका अपने उद्योगों को बचाना चाहता है, मगर उसकी जनता को महंगाई का बोझ उठाना पड़ रहा है । भारत दबाव में है , लेकिन उसकी मज़बूत नींव उसे सहारा दे रही है।