कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। इसमें पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान को माकूल जवाब देने के साथ जाति जगनगणना के लिए आवश्यक बजट और समयबद्ध तरीके से तेलंगाना मॉडल अपनाने की मांग केन्द्र सरकार से की गई। बैठक की शुरुआत में खरगे ने कहा कि आतंकवाद के खि़लाफ़ लड़ाई में सरकार को हम सभी संभव सहयोग दे रहे हैं। पहलगाम की घटना के कई दिन बाद भी सरकार की तरफ़ से कोई स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आई है। देश की एकता, अखंडता और खुशहाली की राह में जो भी चुनौती बनकर आएगा, उसके खिलाफ़ हम एक होकर सख्ती से निपटेंगे। बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी समेत अन्य सभी सदस्य मौजूद रहे।
भाषा और भाव से संदेह
खरगे ने कहा कि पहलगाम हमले के शोक के बीच केन्द्र सरकार ने जाति जनगणना को मंजूरी देकर हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि जिस भाषा और भाव के साथ कई बातें कही गई, उसको लेकर भी कई संदेह हमारे दिल में पैदा हुए हैं। हालांकि उन्होंने इसका श्रेय राहुल गांधी और भारत जोड़ो न्याय यात्रा को दिया।
सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव
1. जाति जनगणना: संसद में तत्काल बहस कराए सरकार -जाति जनगणना अब देरी नहीं होनी चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेने के लिए संसद में इस विषय पर तत्काल बहस कराई जानी चाहिए। -तुरंत आवश्यक धन आवंटित करना चाहिए -जनगणना की प्रत्येक अवस्था — प्रश्नावली व पद्धति की तैयारी से लेकर आंकड़ों के संकलन, वर्गीकरण और अंतत: उनके प्रकाशन तक के लिए स्पष्ट समयसीमा घोषित करनी चाहिए।
-आंकड़े सार्वजनिक नीति की व्यापक समीक्षा का आधार बनने चाहिए -संविधान निजी शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को आरक्षण देने की अनुमति देता है। 2. पहलगाम आतंकी हमला: पाकिस्तान को भुगतने होंगे परिणाम
-आतंकी हमले में मृतकों को मिले शहीद का दर्जा -पूरा देश आज जवाबदेही, स्पष्टता और न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है -हमें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर यह स्पष्ट संदेश देना होगा कि भारत एकजुट है
-पाकिस्तान को इस कायरतापूर्ण हमले के साजिशकर्ताओं और अपराधियों को उनके कृत्य के पूर्ण परिणाम भुगतने चाहिए। -भारत सरकार मजबूती, रणनीतिक स्पष्टता और अंतरराष्ट्रीय समन्वय से कार्य करे, ताकि पाकिस्तान को हमारे देश में आतंक फैलाने के उसके निरंतर प्रयासों के लिए वैश्विक मंच पर अलग-थलग और दंडित किया जा सके।