इन विधायकों को एमसीडी के लिए किया गया नामित
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरके पुरम से विधायक अनिल कुमार शर्मा, संगम विहार से चंदन कुमार चौधरी, रोहतास नगर से जितेंदर महाजन, शकूर बस्ती से करनैल सिंह, नांगलोई से मनोज कुमार शौकीन, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, द्वारका से प्रद्युम्न सिंह राजपूत, पटेल नगर से प्रवेश रत्न, आदर्श नगर से राजकुमार भाटिया, बदरपुर से रामसिंह नेता जी, त्रिलोकपुरी से रवि कांत, शहदरा से संजय गोयल, गोलपुर से सुरेंद्र कुमार और जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवा को दिल्ली नगर निगम के लिए नामित किया है।
दरअसल, एमसीडी दिल्ली की सबसे बड़ी स्थानीय निकाय संस्था है। जो राजधानी में सफाई, सड़कें, स्ट्रीट लाइट, पार्कों की देखभाल और अन्य नागरिक सेवाओं का संचालन करती है. इस संस्था की प्रभावी कार्यशैली से ही शहर की मूलभूत सुविधाएं ठीक ढंग से चलती हैं। ऐसे में दिल्ली विधानसभा की यह पहल राजधानी के सतत शहरी विकास, नागरिक सुविधाओं में सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
एमसीडी के बजट निर्माण और शासन व्यवस्था में मदद करेंगे विधायक
शनिवार को दिल्ली नगर निगम के लिए 14 विधायक नामित करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा “एमसीडी के लिए इन विधायकों को नामित करने से एमसीडी के बजट निर्माण, शहर में शासन व्यवस्था और नागरिक प्रशासन में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही दिल्ली की साफ-सफाई, बुनियादी ढांचे के विकास और एमसीडी की चुनौतियों से निपटने में इन विधायकों की बड़ी भूमिका होगी।”
दिल्ली नगर निगम में भाजपा के कितने पार्षद?
फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि आम आदमी पार्टी महज 22 सीटें ही जीत पाई थी। अधिकारियों के अनुसार एमसीडी में आम आदमी पार्टी के 121 पार्षदों में से तीन ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। वहीं भाजपा के 120 पार्षदों में से आठ पार्षद दिल्ली सदन के लिए चुने गए हैं। आम आदमी पार्टी ने साल 2022 के एमसीडी चुनावों में 134 वार्ड जीते थे। जबकि भाजपा ने 104 और कांग्रेस ने नौ वार्डों में जीत दर्ज की थी। इसके अलावा तीन वार्डों में निर्दलीय पार्षद बने थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को लिखा था पत्र
इससे पहले बुधवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने दिल्ली के अधिकारियों के रवैये को लेकर नाराजगी जताई थी। विधानसभा अध्यक्ष ने पत्र के माध्यम से मुख्य सचिव को बताया था कि दिल्ली के अधिकारी विधायकों के पत्रों और उनकी कॉल्स पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विजेंद्र गुप्ता ने पत्र में लिखा था “मेरे संज्ञान में ऐसे कुछ मामले आए हैं, जहां विधायकों द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत की पावती तक नहीं दी गई है। इसलिए आप प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और दिल्ली पुलिस के साथ डीडीए के प्रमुख अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों से अच्छे संवाद के लिए जागरूक करें। इसके साथ ही इस पत्र की अनुपालन रिपोर्ट जल्द से जल्द मेरे सामने पेश करें।”