नई दिल्ली विधानसभा सीट का जानिए पूरा गणित
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, नई दिल्ली नगर परिषद क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 249,998 है। इसमें 89.8% आबादी हिन्दुओं की है। जबकि 4.5% मुस्लिम, 2.9% ईसाई, 2.0% सिख, 0.4% जैन समुदाय की आबादी है। इसके अलावा यहां पारसी, बौद्ध और यहूदी मतदाता भी हैं। जबकि साल 2020 में यहां 1,46,000 हज़ार मतदाता थे। इस बार ये संख्या 1,90,000 हजार के आसपास है। इस सीट पर वाल्मिकी और धोबी समुदाय के मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। एक अनुमान के मुताबिक यहां वाल्मिकी मतदाताओं की संख्या करीब 20,000 है। जबकि धोबी मतदाता भी 15,000 से ज्यादा की संख्या में हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इन समुदायों के मतदाता इस सीट पर चुनावी हार-जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में क्या रहा परिणाम?
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में नई दिल्ली विधानसभा सीट (New Delhi Assembly Seat) पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला था। इसमें आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नई दिल्ली सीट से प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल को 46,758 वोट मिले मिले थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी सुनील कुमार यादव को 25,061 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रोमेश सभरवाल को 3,220 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था। अरविंद केजरीवाल को करीब 21 हजार वोटों से जीत मिली थी।
साल 2015 में ये था विधानसभा चुनाव का परिणाम?
साल 2015 में भी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी और भाजपा में सीधी टक्कर मानी जा रही थी। हालांकि नई दिल्ली से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल करीब 32 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। साल 2015 में अरविंद केजरीवाल को कुल 57,213 वोट मिले थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी नूपुर शर्मा को 25,630 वोट प्राप्त हुए थे। साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी किरण वालिया को 4,781 वोटों से संतोष करना पड़ा था। साल 2013 के अन्ना आंदोलन से दिल्ली में आम आदमी पार्टी का उदय हुआ। इसके बाद से लगातार तीन चुनावों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जीत दर्ज की है। अब चौथी बार भी आम आदमी पार्टी चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है।