रात्रिकालीन भोजन इस सेवा का नाम रात्रिकालीन भोजन रखा गया है। इसमें महिला समाज सेवियों की संख्या 20 हो गई है। सोमवार, बुधवार व शुक्रवार की रात भोजन कराया जाता है। सभी महिलाएं अपने-अपने घरों से कुछ न कुछ बनाकर लातीं हैं और कंपनी बाजार में रहने वाले जरूरतमंदों को पंगत में बैठाकर खिलातीं हैं।
कोरोना काल में भी बंद नहीं हुई सेवा यह सेवा 20 मई, 2015 से चल रही है। करीब 50 लोगों को भोजन कराया जाता है। सेवा कोविड काल के दौरान भी बंद नहीं हुई। उस समय इसकी ज्यादा जरूरत थी। -वंदना दत्ता, समाजसेवी