scriptइंजेक्शन वाली 9 दवाएं परीक्षण में फेल, राज्य ने केंद्र को लिखा पत्र, बाजार से दवाएं वापस लेने का अनुरोध | 9 injectable drugs fail the test, the state wrote a letter to the center: request to withdraw the drugs from the market | Patrika News
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इंजेक्शन वाली 9 दवाएं परीक्षण में फेल, राज्य ने केंद्र को लिखा पत्र, बाजार से दवाएं वापस लेने का अनुरोध

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को लिखे पत्र में ने रोगियों के लिए संभावित जोखिमों पर प्रकाश डाला और राज्य में इन दवाओं की बिक्री रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। इस साल 1 जनवरी से 16 फरवरी के बीच किए गए परीक्षणों से पता चला कि दवाएं सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरतीं।

बैंगलोरFeb 21, 2025 / 11:20 pm

Sanjay Kumar Kareer

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बेंगलूरु. दूसरे राज्यों में निर्मित इंजेक्शन वाली 9 दवाएं राज्य की प्रयोगशालाओं के परीक्षण में पैमानों पर खरी नहीं उतरी। परीक्षण में इन दवाओं के फेल होने के बाद राज्य सरकार ने केंद्र से इन दवाओं की बिक्री राज्य में रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की है। ये दवाएं पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बनी हैं। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कर्नाटक के बाजारों से इन दवाओं को वापस लेने का आदेश दिया।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को लिखे पत्र में ने रोगियों के लिए संभावित जोखिमों पर प्रकाश डाला और राज्य में इन दवाओं की बिक्री रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। इस साल 1 जनवरी से 16 फरवरी के बीच किए गए परीक्षणों से पता चला कि दवाएं सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरतीं।
राव ने केंद्र से आग्रह किया कि वह केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को परीक्षण में विफल रहे दवाइयों की जांच करे साथ ही, यह भी जांचे कि क्या ये कंपनियां गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जीएमपी) का अनुपालन कर रही हैं।
उन्होंने नड्डा को दवाओं के बैच नंबर के साथ-साथ उनका विवरण भी साझा किया।गुंडूराव ने इंजेक्शन की महत्वपूर्ण प्रकृति पर जोर दिया, जिसका अक्सर तीव्र देखभाल में उपयोग किया जाता है और चेतावनी दी कि दूषित दवाओं से रोगियों के लिए जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल के पश्चिम बंगा फार्मास्यूटिकल्स से दूषित इंजेक्शन से जुड़ी एक पिछली घटना का भी जिक्र किया, जिस कारण बल्लारी जिले में कथित तौर पर पांच युवा माताओं की मौत हो गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने कहा, मैं अपने विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दे रहा हूं कि ये दवाएं अब कर्नाटक में नहीं बेची जाएंगी, इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि इन कंपनियों की ओर से निर्मित अन्य दूषित दवाएं भारत के अन्य राज्यों में बेची जा रही हों।
राव ने आपूर्ति श्रृंखला से दूषित दवाओं को जब्त करने और विफल दवाओं के बारे में डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और रोगियों को सचेत करने के लिए एक तंत्र बनाने के लिए बिक्री रिकॉर्ड को अनिवार्य रूप से साझा करने का भी आह्वान किया।
मंत्री ने नड्डा से कहा, इन दवाओं को दिए जाने वाले रोगियों के लिए जीवन या मृत्यु के परिणामों को देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप यह सुनिश्चित करें कि इन कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले सभी उत्पाद भारत भर के बाजार से वापस ले लिए जाएं और इन कंपनियों को तब तक कोई और दवा बेचने की अनुमति न दी जाए जब तक कि उनका सीडीएससीओ अच्छे विनिर्माण अभ्यास के अनुपालन के लिए निरीक्षण न कर ले।

परीक्षण में फेल दवा का नाम और कंपनियां

मेट्रोनिडाजोल इंजेक्शन : फार्मा इम्पेक्स लैबोरेटरीज, बारुईपुर, पश्चिम बंगाल

डाक्लोफैनेक सोडियम इंजेक्शन : अल्फा लैबोरेटरीज, इंदौर, मध्य प्रदेश

डेक्सट्रोज इंजेक्शन : रुसोमा लैबोरेटरीज, इंदौर, मध्य प्रदेश
मेट्रोनिडाजोल : आईएचएल लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड, खरगोन, मध्य प्रदेश

फ्रूसेमाइड : पाकसन्स फार्मास्यूटिकल्स, बहादुरगढ़, हरियाणा

पिपेरसिलिन-टैजोबैक्टम : मॉडर्न लैबोरेटरीज, इंदौर, मध्य प्रदेश

कैल्शियम ग्लूकोनेट और ओन्डेनसेट्रॉन: रीगेन लैबोरेटरीज, हिसार, हरियाणा

एट्रोपिन सल्फेट : मार्टिन एंड ब्राउन बायोसाइंसेज, सोलन, हिमाचल प्रदेश

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