महापौर ने घंटाघर में नवीन डिजिटल घड़ियों का किया शुभारंभ शहर के घंटाघर की चारों घड़ियां एक साथ साल करीब तीस साल बाद चालू हुई हैं। मंगलवार को महापौर अमृता यादव ने घंटाघर में नवीन डिजिटल घड़ियों का शुभारंभ किया। इससे पहले घंटाघर में एनालॉग घड़ी कई वर्षों से खराब थी और बंद पड़ी थी। नवीन डिजिटल घड़ी लगाई गईं। घड़ियां इलेक्ट्रिक, डस्ट प्रूफ एवं वाटर प्रूफ हैं। इन घड़ियों की वारंटी तीन साल है। समय के साथ तारीख और दिन भी देखा जा सकता है। इससे लोगों को अधिक सुविधा होगी। शुभारंभ अवसर पर महापौर अमृता यादव ने कहा कि यह घड़ी शहरवासियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी और घंटाघर को एक नया आकर्षण प्रदान करेंगी।
घंटाघर की स्थापना 1869 में हुआ था शहर का घंटाघर अंग्रेजों के जमाने का है। बताते हैं कि इसकी स्थापना वर्ष 1869 में हुई थी। वर्ष 1995-96 में नगर निगम की पहले महापौर के समय में घड़ियों की मरम्मत की गई थी। बताते हैं कि तब सभी घड़ियां एक साथ चालू नहीं हुई थीं। चैन कुप्पी से घंटाघर की घड़ियों की चाबी भरी जाती थी। तत्कालीन समय टॉवर में लगा गियर निकाल कर अन्य जगह पर शिफ्ट कर दिया गया था। इससे सभी घड़ियां एक साथ चालू नहीं हो सकी। घंटाघर में आज भी इक्यूपमेंट लगे हुए है। भावना शाह ने भी घड़ियों को चालू कराया था। लेकिन टॉवर चढ़ने की व्यवस्था नहीं होन से आए दिन घड़ियां बंद हो जाती थीं। इस बार चारों घड़ियाें को डिजिटल लगा दिया गया है। साथ ही टॉवर के ऊपर चढ़ने की व्यवस्था बनाई गई है। सबकुछ योजना के तहत हुआ तो घंटाघर में अंग्रेजों के जमाने का लगा घंटे की आवाज एक बार फिर सुबह, दोपहर और शाम को सुनाई देगी। निगम इसकी तैयारी में जुटा है।
शहर की सुंदरता में इजाफा डिजिटल घड़ी की स्थापना से घंटाघर की सुंदरता में वृद्धि हुई है और यह आधुनिकता का प्रतीक बन गया है। नगर निगम की इस पहल को नागरिकों द्वारा भी सराहा जा रहा है। शुभारंभ अवसर पर निगम अध्यक्ष अनिल विश्वकर्मा, एमआईसी सदस्य राजेश यादव, सोमनाथ काले, अनिल वर्मा सहित दीना पवार, सुनील जैन, निगम आयुक्त प्रियंका राजावत सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।