अफसरों का कहना है कि इस बार 6000 मेगावाट औसत बिजली की मांग रहने का अनुमान है। जबकि, पीक डिमांड 17500 मेगावाट तक पहुंच सकती है। उधर, निगम का दावा है कि अभी किसी भी जगह कटौती की नौबत नहीं आई है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि बढ़ती मांग के बीच सिस्टम के जवाब देने से जनता को दिन में कई बार बिजली गुल की दिक्कतों से रूबरू होना पड़ रहा है।
चार यूनिट से बिजली उत्पादन ठप, बढ़ी चिंता बिजली डिमांड बढ़ने के बीच परेशानी की बात यह है कि 1760 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट से बिजली उत्पादन ठप हो गया है। इनमें राज्य विद्युत उत्पादन निगम की सूरतगढ़ व छबड़ा की तीन यूनिट से 1160 मेगावाट और अदानी के पावर प्लांट की 600 मेगावाट की एक यूनिट शामिल है। उत्पादन निगम के तमाम दावे के बावजूद उनके प्लांट से अभी उतनी बिजली नहीं मिल पा रही, जितनी ऊर्जा विकास निगम को अपेक्षित थी।
इन 7 घंटे की परेशानी सुबह 6 से 9 और शाम 7 से रात 11 बजे तक अधिक डिमांड रहती है। इन पीक आवर्स में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि, पिछले कुछ वर्षों से इसी दौरान बिजली कटौती की नाैबत आती रही है।1200 से 1500 मेगावाट तक बिजली की कमी रही। औद्योगिक इकाइयों पर ज्यादा मार पड़ी।
पिछले दिनों बिजली खपत… 11 अप्रेल- 2802.94 12 अप्रेल- 2592.68 13 अप्रेल- 2711.03 14 अप्रेल- 2964.94 15 अप्रेल- 3031.26 16 अप्रेल- 3092.91 17 अप्रेल- 3091.55 18 अप्रेल- 3072.62
19 अप्रेल- 3129.20 20 अप्रेल- 3130.27 22 अप्रेल- 3102.38 24 अप्रेल- 3133.46 (बिजली खपत लाख यूनिट में है) यह अनुमानित मांग और उपलब्धता माह – मांग- उपलब्धता मई – 3788 लाख यूनिट – 3663 लाख यूनिट
जून- 3831 लाख यूनिट – 3722 लाख यूनिट इनकी जिम्मेदारी -ओम कसेरा, एमडी, ऊर्जा विकास निगम -देवेन्द्र शृंगी, सीएमडी, राज्य विद्युत उत्पादन निगम