ये है विवादित नाम
आज भी जिले के लगभग सौ स्कूल जिनमें शासकीय प्राथमिक शाला नालापार नौगांव, शासकीय प्राथमिक शाला कलरया कुआं छतरपुर, शासकीय माध्यमिक शाला कुरयाना छतरपुर, प्राथमिक शाला कुरयाना, शासकीय प्राथमिक शाला डिस्लरी नौगांव, शासकीय प्राथमिक शाला चमारन पुरवा, गल्र्स प्राइमरी स्कूल हरिजन पुरवा, शासकीय माध्यमिक शाला शुक्लाना, गल्र्स प्राथमिक आश्रम शाला नौगांव, गल्र्स प्राथमिक शाला बघराजन टौरिया,माध्यमिक शाला देवी मंदिर नौगांव.प्राथमिक शाला इमलनपुरवा, शासकीय माध्यमिक शाला डेरा पहाड़ी,गल्र्स प्राइमरी स्कूल नयामोहल्ला,गल्र्स प्राइमरी स्कूल बेनीगंज, गल्र्स प्राइमरी स्कूल सबनीगर,गल्र्स प्राइमरी स्कूल नरसिंगगढ़पुरवा, गल्र्स प्राइमरी स्कूल टौरिया खिडक़ी, गल्र्स प्राइमरी स्कूल रावसागर समेत अन्य स्कूल जाति व स्थान के नाम से जाने जाते है।
वर्ष 2004 में जारी हुआ था आदेश
मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल ने 28 जून 2004 को आदेश जारी कर स्पष्ट उल्लेख किया कि शासकीय शाला भवनों तथा संस्थाओं आदि के नाम किसी महापुरुष के नाम रखे जाएं, ताकि उनमें पढऩे वाले छात्र उस व्यक्ति विशेष के जीवन आदर्श से प्रेरणा ले सकें। पर इस जिले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इतना ही नहीं शासन ने 22 जनवरी 2014 एवं 4 जून 2014 को भी पुन: निर्देश जारी कर नाम बदले को कहा। शिक्षा विभाग के आला अफसर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने भी 21 जुलाई 2017 को पत्र जारी कर निर्देश दिए, लेकिन सब कुछ बेअसर रहा।
स्कूलों के नाम परिवर्तित होकर महापुरूषों के नाम पर होना चाहिए ताकि बच्चों उनके आदर्शों से भी शिक्षा ले सकें। शैक्षिक पत्रिका शिक्षा संदर्भ ने भी इस दिशा में प्रयास शुरू किया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन की मद्द से वे ऐसे स्कूलों के नामकरण महापुरूषों के नाम से कराने की दिशा में प्रयास करेगे, ताकि इन विद्यालयों को नई पहचान मिल सके।