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मंडी में गेहूं से पहले आनी वाली सरसों की पंजीयन प्रक्रिया नहीं शुरू, बाजार भाव भी एमएसपी से काफी कम

सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद वास्ते केन्द्र तय, मगर अब तक पंजीकरण प्रक्रिया नहीं की शुरू, पहले भी पंजीकरण और खरीद में देरी के कारण किसान झेलते रहे हैं नुकसान, फसल खरीद में विलम्ब की आशंका हो रही बलवती

हनुमानगढ़Mar 18, 2025 / 11:38 am

adrish khan

Registration process of mustard which comes before wheat in the market has not started, market price is also much lower than MSP

Registration process of mustard which comes before wheat in the market has not started, market price is also much lower than MSP

हनुमानगढ़. जिले की अनाज मंडियों में संभवत: इस सप्ताह के आखिर तक सरसों की आवक शुरू हो जाएगी। समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद के लिए खरीद केन्द्र भी तय कर दिए गए हैं। बस, दिक्कत यह है कि अब तक फसल खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई है। इससे फसल खरीद में विलम्ब की आशंका बलवती हो रही है।
रोचक यह है कि मंडियों में गेहूं से औसतन लगभग तीन सप्ताह पहले ही सरसों की आवक शुरू हो जाती है। इसके बावजूद समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है। जबकि गेहंू खरीद के लिए पंजीयन प्रक्रिया पहले ही प्रारंभ हो चुकी है। किसान संगठन लगातार यह मांग करते आ रहे हैं कि सरसों खरीद के लिए पंजीयन सबसे पहले शुरू कर दिए जाए ताकि किसान को यह भरोसा मिल जाए कि अब फसल की खरीद हो जाएगी। किसान संगठनों की माने तो इस साल सरसों के प्रति क्विंटल बाजार भाव एवं समर्थन मूल्य में 500 रुपए से भी ज्यादा का अंतर रह सकता है। मतलब कि समर्थन मूल्य पर खरीद में देरी हुई तो मजबूर किसान को प्रति क्विंटल 500 रुपए या इससे ज्यादा का नुकसान झेलकर बाजार भाव में फसल बेचनी पड़ सकती है।

झेलते रहे हैं नुकसान

किसानों की यह शाश्वत पीड़ा बन चुकी है कि समर्थन मूल्य पर खरीद में देरी की जाती है, ऐसे में वे कम भाव पर भी उपज विक्रय को विवश हो जाते हैं। मंूगफली, सरसों, नरमा-कपास, मूंग आदि की खरीद में यह स्थिति हाल के वर्षों में कई दफा देखने में आ चुकी है।

लिमिट बढ़े, पंजीयन हो पहले

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह सुडा का कहना है कि सरसों की सरकारी खरीद के लिए गेहूं की तर्ज पर पंजीयन प्रक्रिया मार्च की शुरुआत में ही आरंभ कर देनी चाहिए। मंडी में जो फसल पहले आ रही है, उसकी पंजीयन प्रक्रिया भी पहले ही शुरू होनी चाहिए। पंजीयन होने के बाद यदि विशेष कारणों से खरीद में कुछ विलम्ब भी होता है तो किसान को यह विश्वास रहता है कि पंजीकरण हो चुका है, फसल भी समर्थन मूल्य पर बिक जाएगी। प्रति किसान 40 क्विंटल अधिकतम सीमा को 50 क्विंटल करने की मांग भी संगठन लगातार कर रहा है। इस संबंध में सिंचाई मंत्री सुरेश रावत को सीएम के नाम ज्ञापन भी दिया गया है।

आधार के आधार पर

समर्थन मूल्य पर फसल खरीद में जन आधार कार्ड की जरूरत होती है। किसान संगठन जन आधार की बजाय आधार के आधार पर खरीद की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जन आधार तो पूरे परिवार का एक ही बनता है, यदि किसान व उसकी पत्नी का खाता अलग-अलग होता है तो फसल खरीद में उनको एक ही इकाई माना जाता है। इससे किसानों को नुकसान होता है। आधार के आधार पर खरीद हो तो जिसके नाम जमीन, उस आधार पर ही खरीद होगी।

तैयारियां पूरी, 20 को प्रस्तावित

सरसों की सरकारी खरीद के लिए पंजीकरण 20 मार्च से शुरू होना प्रस्तावित है। इससे पहले 19 मार्च को सरकारी खरीद की सरसों के उठाव व परिवहन के टैंडर खुलेंगे। सरसों खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। – अमीलाल सहारण, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां हनुमानगढ़।

अप्रेल के प्रथम सप्ताह से शुरू हो खरीद

रावतसर. भारतीय किसान संघ जिला हनुमानगढ़ के पदाधिकारियों ने रविवार को जयपुर में मुख्यमंत्री निवास में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। संगठन जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह सूडा ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के खाळों के पुनर्निर्माण की मांग संगठन वर्षों से करता आ रहा था। वर्तमान सरकार ने बजट में इस कार्य के लिए 590 करोड़ रुपए दिए हैं। इसलिए भाकिसं ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए स्मृति चिन्ह व भगवान बलराम का प्रतीक हल भेंट किया। सूडा ने बताया कि गेहूं की सरकारी खरीद पर भी बोनस दिया है जो किसान हितैषी निर्णय है। जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप सरसों खरीद रजिस्ट्रेशन शीघ्र शुरू कर अप्रेल के प्रथम हफ्ते से खरीद शुरू करने की मांग की। सरसों खरीद रजिस्ट्रेशन के लिए जन आधार की बाध्यता हटाने व एक खाते से पचास क्विंटल सरसों खरीद करने की मांग की गई। सूडा ने जल संसाधन मंत्री को सुझाव दिया कि खाळों का निर्माण जल संसाधन विभाग करवाए तथा मंत्री एक बार इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र का दौरा करे। इस दौरान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद धारणिया, जिला उपाध्यक्ष जगदेव सिंह खोसा आदि उपस्थित रहे।

फैक्ट फाइल : सरसों

  • जिले में सरसों की बिजाई लगभग एक लाख 70 हैक्टेयर में हुई है।
  • इस साल सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपए प्रति क्विंटल तय है।
  • इस साल भी 40 क्विंटल सरसों ही प्रति किसान से अधिकतम खरीद तय की गई है।
  • समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर पंजीकरण प्रक्रिया शुरू नहीं गई है। अगले सप्ताह तक मंडियों में सरसों की आवक शुरू होने की संभावना।
  • सरसों की सरकारी वास्ते जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों में 19 केन्द्र बनाए गए हैं।

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