भ्रष्टाचार की रोकथाम और इसका मुकाबला करने के लिए जवाबदेह सार्वजनिक संस्थाओं और प्राधिकरणों की सत्यनिष्ठा और प्रभावशीलता को बढ़ावा देना, पुलिस और प्रशासनिक सक्षमता, जनकल्याण की योजनाओं के लिए आवंटित धन की बंदरबांट नहीं होना आदि कदम बेहद जरूरी हैं। इसके लिए सख्त कानून और सफल क्रियान्विति का संकल्प होना चाहिए। – शिवजी लाल मीना, जयपुर
भ्रष्टाचार के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं इसके लिए व्यक्ति स्वयं जिम्मेदार है। वह किसी भी कार्य को करवाने के लिए दलाल को माध्यम करवाता है। मानसिकता यह हो गई है कि बिना घूस दिए कार्य होने की तसल्ली पर संदेह रहता है। दूसरी ओर हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था में तारीख पर तारीख वाला खेल भी भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है। स्पेशल त्वरित कोर्ट का गठन किया जाना चाहिए, ताकि दोषी को त्वरित सजा मिल सके। – शंकर गिरि, रावतसर, हनुमानगढ
भ्रष्टाचार आज के युग की एक बड़ी समस्या है। इसके लिए नागरिकों का जागरूक होना अति आवश्यक है। भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर सरकार, कानून व आम जनता के प्रयासों से अंकुश लगाया जा सकता है। – शालिनी बोहरा, नागौर
भ्रष्टाचार आज देश में कोढ़ में खाज की तरह है। भ्रष्टाचार पर अंकुश तब ही लग सकता है जब जांचकर्ता एजेंसियां ठोस सबूतों के साथ लंबे समय तक मामले को न लटकाए और जल्दी से जल्दी कार्रवाई करके सजा दिलवाएं। सरकार को भी चाहिए कि भ्रष्टाचार कानून उन्मूलन में व्यापक सुधार करे ताकि भ्रष्टाचारियों को बचने की गुंजाइश नहीं रहे। – हरिप्रसाद चौरसिया, देवास, (मध्यप्रदेश)
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सबसे पहले राजनीति का नौकरशाही में दखल न हो। ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार की एक चैन होती है, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। अगर राजनीतिक संरक्षण न मिले। त्वरित व सख्त कार्रवाई हो तो भ्रष्टाचार पर कुछ अंकुश लग सकता है। इसके साथ ही प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी भी बनती है कि वह सुनिश्चित करें ले कि किसी को भी रिश्वत नहीं देगा तो भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक रोक लगाई जा सकती है। – लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़