मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया, “अब तक हमारे पास लिखित में ममता की ओर से कोई इस्तीफा नहीं आया है। हां, कुछ वीडियो की बात लोग कह रहे हैं, लेकिन यह दबाव में दिया गया बयान लग रहा है। जब तक लिखित इस्तीफा नहीं आएगा, इस पर कोई टिप्पणी करना संभव नहीं है। जहां तक दो लाख रुपये की बात है तो वो भंडारे का होता है। जो भी महामंडलेश्वर बनता है वो भंडारा कराता है। इसमें पैसे लेने जैसी कोई बात नहीं है।”
ममता कुलकर्णी ने क्या कहा?
ममता कुलकर्णी ने कहा, “मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे रही हूं। आज किन्नर अखाड़े या दोनों अखाड़ों के बीच उनको लेकर विवाद हो रहा है। मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी रहूंगी। महामंडलेश्वर पद का एक सम्मान मुझे दिया गया था, जिससे मैं अपने ज्ञान को लोगों को बांटतीं, लेकिन ये कुछ लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया। मैं अपने आप गायब रही, वरना मेकअप और बॉलीवुड से इतना दूर कौन रहता है। “
24 जनवरी को ममता कुलकर्णी को मिली थी महामंडलेश्वर की उपाधि
ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े में बीती 24 जनवरी को महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक किया गया था। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मंच पर चादर ओढ़ाकर उनका पट्टाभिषेक किया था और ममता को नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया था। इसके तत्काल बाद से ही विवाद गहरा गया।