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प्रयागराज

Mahakumbh 2025:  एकात्म धाम मंडपम पहुंचे डॉ मोहन यादव, कहा-आचार्य शंकर का काम पूजनीय है

Mohan Yadav in Mahakumbh: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद एकात्म धाम मंडपम पहुंचे और यहां कथा का शुभारंभ किया। आइये बताते हैं सीएम डॉ. मोहन यादव ने क्या कहा ? 

प्रयागराजFeb 08, 2025 / 09:15 pm

Nishant Kumar

Mohan Yadav in Mahakumkbh

Mohan Yadav in Mahakumkbh

MP CM Dr. Mohan Yadav in Mahakumbh 2025: आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा अद्वैत वेदान्त दर्शन के लोकव्यापीकरण एवं सार्वभौमिक एकात्मता की संकल्पना के उद्देश्य से महाकुम्भ क्षेत्र के सेक्टर 18 में स्थापित एकात्म धाम मंडपम्, हरीशचंद्र मार्ग में आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर केंद्रित ‘शंकरो लोकशंकर:’ कथा का शुभारंम शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, यड़तोरे श्री योगा नन्देश्वर मठ मैसूर के मठाधिपति श्री शंकर भारती महास्वामी की उपस्थिति में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष, गीता परिवार के संस्थापक स्वामी गोविन्ददेव गिरि महाराज के मुखारविंद से हुआ। ज्ञात हो कि कथा का आयोजन 12 फरवरी तक प्रतिदिन शाम 04 बजे से होगा।

डॉ. मोहन यादव ने क्या कहा ? 

Mohan Yadav in Mahakumkbh
आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आचार्य शंकर के योगदान और अद्वैत वेदांत पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने संबोधन में कहा, “आचार्य शंकर का योगदान केवल उनके समय के लिए ही नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए भी अत्यंत प्रासंगिक है। सनातन धर्म के संबंध में आज उनकी शिक्षाओं और सिद्धांतों की उपयोगिता जितनी स्पष्ट है, उस काल में इसकी कल्पना भी कठिन रही होगी। उनके कार्य अद्भुत और अद्वितीय हैं।”

आचार्य शंकर के कार्यों को सराहा 

Mohan Yadav in Mahakumkbh
मुख्यमंत्री ने आचार्य शंकर द्वारा सनातन धर्म और सांस्कृतिक एकता के लिए किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “उन्होंने न केवल धर्म के मूलभूत सिद्धांतों को पुनर्स्थापित किया, बल्कि भारत को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया। उनके कार्य और विचार आज भी चराचर जगत में पूजनीय हैं और अनंतकाल तक रहेंगे।”

भारत की कथा गूंजती रहेगी: सीएम डॉ. मोहन यादव 

Mohan Yadav in Mahakumkbh
मध्यप्रदेश शासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा, “मध्यप्रदेश सरकार इस प्रकल्प के पुनर्जीवन और विस्तार के लिए सदैव साथ है। आचार्य शंकर की इस स्वर्णिम विरासत को आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।” “भारत की कथा उन्नत आकाश की तरह लगातार गूंजती जा रही है, और आचार्य शंकर का योगदान इस कथा को सदैव नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता रहेगा।”

गोविंददेव गिरी जी ने क्या कहा ? 

Mohan Yadav in Mahakumkbh
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि जी ने आज आद्य शंकराचार्य के जीवन पर आधारित पाँच दिवसीय कथा ‘शंकरो लोकशंकर:’ के शुभारंभ अवसर पर एकात्म धाम परियोजना की सराहना करते हुए कहा, “बदलते भारत के पिछले 10 वर्षों में जितने भी प्रयोग हुए हैं, उनमें सर्वश्रेष्ठ प्रयोग मध्यप्रदेश शासन ने एकात्म धाम का निर्माण करके किया है।”

आदिशंकराचार्य की सर्वश्रेष्ठ साहित्य 

Mohan Yadav in Mahakumkbh
उन्होंने आगे कहा, “ऐसी विकट परिस्थितियों में इस प्रकार का कार्य केवल मध्यप्रदेश सरकार ही कर सकती है। ओंकारेश्वर की पवित्र भूमि अद्वैत के सिद्धांतों और भारत की सांस्कृतिक चेतना का साक्षात्कार कराती है।” आचार्य शंकर के साहित्य और उनके योगदान की महत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “राष्ट्र के चैतन्य को जाग्रत करने के लिए यदि कोई सर्वश्रेष्ठ साहित्य है, तो वह आद्य शंकराचार्य का है। उनके विचार, उनकी शिक्षाएँ और उनकी अद्वैत वेदांत की परिकल्पना हमारे राष्ट्र को नई दिशा देने में सक्षम हैं।”

तमाम वृतांतों का किया उल्लेख 

Mohan Yadav in Mahakumkbh
“एकात्म धाम हमारी संस्कृति का दीप स्तंभ है, जो आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करेगा। भगवान आद्य शंकराचार्य हमारी संस्कृति के प्राण हैं और उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे।” उन्होंने कथा के प्रथम दिवस पर आचार्य शंकर द्वारा बाल्यकाल के दौरान माता लक्ष्मी की महिमा में कनकधारा स्तोत्र की रचना, पूर्णा नदी में संन्यास लेना व माता आर्यम्बा के प्रति आचार्य शंकर के करुणा भाव आदि वृत्तांतों का उल्लेख किया। इस अवसर पर साधु संतो सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।

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