scriptMahakumbh 2025: महाकुंभ में बनने जा रहे हैं एक के बाद एक कई विश्व रिकॉर्ड, जानिए क्या है योगी सरकार का प्लान | Mahakumbh 2025: Many world records are going to be made one after the other in Mahakumbh, know what is the plan of Yogi government | Patrika News
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में बनने जा रहे हैं एक के बाद एक कई विश्व रिकॉर्ड, जानिए क्या है योगी सरकार का प्लान

महाकुंभ नगर में इस बार चार नए विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना तैयार की गई है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इस उद्देश्य के लिए कार्यक्रम का खाका तैयार कर लिया है। इन रिकॉर्ड्स को 14 से 17 फरवरी के बीच बनाने की योजना है।

प्रयागराजFeb 11, 2025 / 08:54 pm

Prateek Pandey

Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025: इन रिकॉर्ड्स का सत्यापन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम द्वारा किया जाएगा जो इसकी निगरानी भी करेगी। इन रिकॉर्ड्स को स्थापित करने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना है। इसके लिए नदी किनारे सफाई अभियानों और ई-रिक्शा संचालन से जुड़े रिकॉर्ड बनाने का विचार किया गया है। मेला प्राधिकरण इस बार खुद के पुराने रिकॉर्ड भी तोड़ेगा और साथ ही दो नए रिकॉर्ड स्थापित करेगा।

14 फरवरी को बनेगा पहला रिकॉर्ड

14 फरवरी को स्वच्छता के क्षेत्र में एक रिकॉर्ड बनेगा, जब 15,000 कर्मचारी गंगा और यमुना नदी के किनारे 10 किलोमीटर तक सफाई करेंगे। इससे पहले, 2019 के कुंभ मेला में 10,000 कर्मचारियों ने एक साथ सफाई अभियान चलाया था, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड था। इस अभियान के लिए 2.13 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।

15 फरवरी को बनेगा नदी की सफाई का रिकॉर्ड

15 फरवरी को नदी की सफाई के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड बनेगा। इस दिन 300 कर्मचारी गंगा नदी में उतरकर सफाई करेंगे। यह रिकॉर्ड पहली बार बनेगा और इसके लिए लगभग 85.53 लाख रुपये खर्च होंगे।

ई–रिक्शा से बनेगा तीसरा रिकॉर्ड

16 फरवरी को ई-रिक्शा संचालन का रिकॉर्ड बनाया जाएगा, जब मेला क्षेत्र के त्रिवेणी मार्ग पर एक साथ 1,000 ई-रिक्शा चलाए जाएंगे। यह भी एक नया रिकॉर्ड होगा, और इसे बनाने में 91.97 लाख रुपये का खर्च आएगा।

17 फरवरी को हैंडप्रिंट से बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

17 फरवरी को गंगा पंडाल और मेला क्षेत्र के अन्य स्थानों पर कैनवास पर 10,000 लोगों के हैंड प्रिंट लिए जाएंगे। इस रिकॉर्ड को स्थापित करने का उद्देश्य सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है। 2019 के कुंभ मेला में 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड था, जिसे इस बार तोड़ा जाएगा। इस रिकॉर्ड के लिए 95.76 लाख रुपये का खर्च होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि कुंभ 2019 में भी तीन महत्वपूर्ण विश्व रिकॉर्ड बने थे, जिसमें 500 से अधिक शटल बसों का संचालन, 10,000 सफाई कर्मियों द्वारा स्वच्छता अभियान और 7,500 लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड शामिल था। इस बार मेला प्राधिकरण इन रिकॉर्ड्स को और बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

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