सबका मनमोह गई सास-बहू की जोड़ी
इस्कॉन रसोई में सेवा करने वाली महिलाओं की टोली जुटी हुई थी—कोई सब्जी छील रहा था तो कोई हल्के हंसी-मजाक के बीच सेवा में जुटा हुआ था। इस बीच डॉ. प्रीति अदाणी ओर उनकी बहू परिधि अदाणी उनके बीच पहुंचती हैं और मुस्काते हुए साथ ही सेवा करना शुरू कर देती हैं। मटर के दानों को अपने हाथों से अलग करते हुए उनके चेहरे पर मुस्कान थी। उनके साथ उनकी बहू परिधि अदाणी भी मटर छीलने का काम पूरी लगन से कर रही थीं। इस सबके बीच उनकी पोती भी गोद में बैठ कर मटर छीलने की कोशिश करती दिखी। अपनी मां, पत्नी और बेटी को पास ही खड़े गौतम अदाणी के बेटे करण अदाणी भी तल्लीनता से देख रहे थे।रोटी बनाने के काम में दिखी दक्षता
इसके बाद डॉ. प्रीति अदाणी अपनी बहु के साथ उस जगह पर पहुंचीं जहां पर रोटी बनाने का काम चल रहा था। वहां पहुंचते ही सास-बहू की जोड़ी जमीन पर बैठ गई और रोटियों पर घी लगाने का काम करने लगी। रोटी मेकिंग मशीन से रोटी बन कर जैसे ही बाहर आती डॉ. प्रीति अदाणी और परिधि अदाणी फौरन उन रोटियों में घी लगा कर श्रृद्धालों को परोसने के लिए आगे बढ़ा देते।सादगी, सेवा और संस्कृति—तीनों का यह सुंदर संगम कुंभनगरी में अपनी एक अलग पहचान छोड़ गया।
21 जनवरी 2025 को गौतम अदाणी सपरिवार महाकुंभ स्थल प्रयागराज आए हुए थे। इस मौके पर उन्होंने इस्कान में प्रसाद सेवा, पवित्र संगम में स्नान एवं पूजा-अर्चना और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए। बता दें कि महाकुंभ के मौके पर अदाणी समहू ने इस्कॉन के साथ मिलकर प्रतिदिन 1 लाख लोगों में महाप्रसाद वितरण और गीता प्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह वितरण का संकल्प लिया है।