गिरोह का सरगना विनोदमल पहाड़ी और उसकी पत्नी प्यारीदेवी फरार हैं। दोनों झारखंड के हजारीबाग जिले के सौराखापा, बड़कठा के निवासी हैं। पुलिस के अनुसार, ये महिलाएं साड़ियां पहनकर और चमकते बर्तनों की टोकरी लिए लखनऊ, बाराबंकी, भदोही, बांदा, महोबा और कानपुर के गांवों में जाती थीं। पहले वे पुराने कपड़े और बर्तनों के बदले नए बर्तन देने का प्रस्ताव रखती थीं, जिससे गांव की महिलाएं उनसे घुल-मिल जाती थीं।
कुछ दिनों बाद ये महिलाएं सोने के पुराने गहनों के बदले नए गहने देने का झांसा देती थीं। गांव की महिलाएं भरोसे में आकर अपने शादी-ब्याह और पुश्तैनी गहने सौंप देती थीं, लेकिन इसके बाद गिरोह के सदस्य कभी वापस नहीं आते थे।
25 अप्रैल को मोहनलालगंज में हुई वारदात के बाद मामला गंभीर हुआ। यहां 11 महिलाओं ने अपने गहने देकर नई ज्वेलरी की उम्मीद की थी, लेकिन आरोपी फरार हो गए। इसके बाद लगातार कई जिलों में इसी तरह की घटनाएं सामने आईं।
एसपी रायबरेली के निर्देश पर एएसपी संजीव सिन्हा और सीओ महाराजगंज के नेतृत्व में चंदापुर, महाराजगंज और एसओजी सर्विलांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर गिरोह को पकड़ लिया।
एएसपी संजीव सिन्हा ने बताया कि “गिरोह के हर सदस्य की अलग जिम्मेदारी थी। कोई गांव की रेकी करता, कोई व्यापारी बनकर भरोसा जीतता और कोई वाहन की व्यवस्था करता। इनकी सबसे बड़ी ताकत थी- गांव वालों का मिनटों में जीता गया भरोसा।’ पुलिस अब फरार मुख्य आरोपी विनोदमल और उसकी पत्नी की तलाश में झारखंड में लगातार दबिश दे रही है।