यह भी पढ़ें:
28 मई को शिक्षकों का बड़ा आंदोलन, युक्तियुक्तकरण को लेकर घेरेंगे मंत्रालय स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि अब युक्तियुक्तकरण से समायोजित स्कूलों को एक ही यूडाइस कोड से संचालित किया जाएगा। इससे छात्रों को अलग-अलग मीडियम प्रवेश लेने के लिए बार-बार एडमिशन नहीं लेना पड़ेगा। ऐसे में बच्चों को समान यू डाइस कोड से प्राइमरी से सीधे माध्यमिक, माध्यमिक से हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में प्रवेश मिल जाएगा।
एक ही परिसर के ई-संवर्ग के 5755 स्कूल शामिल एक ही परिसर में संचालित होने वाले सभी माध्यम के 10297 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इसमें ई संवर्ग के 5755 स्कूल शामिल हैं, जिसमें सर्वाधिक बिलासपुर संभाग के 2124 स्कूल शामिल हैं। रायपुर के 1605 और दुर्ग के 1870 स्कूलों के नाम शामिल हैं। वहीं, टी- संवर्ग के 4542 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण में नाम शामिल हैं।
सरकार ने गिनाए फायदे - एक ही परिसर में पढ़ाई से निरंतरता बनेगी और ड्रॉपआउट दर घटेगी।
- बच्चों को बार-बार प्रवेश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
- विद्यालय परिसरों में बेहतर अधोसंरचना तैयार करना भी सरल होगा।
- लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब व खेल सुविधाओं की व्यवस्था संभव।
कोई भी पद समाप्त नहीं किया जाएगा इस प्रक्रिया में केवल प्रशासनिक समन्वय किया गया है, न कि किसी पद को समाप्त किया गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छात्रों और शिक्षकों के अनुपात के प्रावधानों का पालन करते हुए युक्तियुक्तकरण किया गया है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश - टी-संवर्ग के 4614 स्कूल शामिल
- ई-संवर्ग के 5849 स्कूलों का युक्तिकरण
- ग्रामीण क्षेत्र- एक किलोमीटर के दायरे के 133 विद्यालय
- शहरी क्षेत्र- 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालय
स्कूल शिक्षा विभाग का दूरदर्शी निर्णय स्कूल शिक्षा को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। युक्तियुक्तकरण प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला है। यह निर्णय न केवल शिक्षकों के संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देगा।
विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़