मीनल v/s दीप्ति, भाजपा और कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी आमने-सामने, पढ़ें तीखें सवालों के क्या आया जवाब
CG Election 2025: रायपुर में नगर निगम क्षेत्र के 10 लाख 35 हजार से ज्यादा मतदाता 11 फरवरी को अपने पसंद की शहरी सरकार चुनेंगे। नतीजे 15 फरवरी को सबके सामने होंगे।
CG Election 2025: छत्तीसगढ़ के रायपुर में नगर निगम क्षेत्र के 10 लाख 35 हजार से ज्यादा मतदाता 11 फरवरी को अपने पसंद की शहरी सरकार चुनेंगे। नतीजे 15 फरवरी को सबके सामने होंगे। इससे पहले शहर के 70 वार्डों में चुनावी सरगर्मी का माहौल चरम पर है। महापौर पद के लिए दो ब्राह्मण नेत्रियां भाजपा से मीनल चौबे और कांग्रेस से दीप्ति दुबे चुनावी समर में आमने-सामने हैं। प्रमुख दलों की दोनों महापौर प्रत्याशी मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए पसीना बहा रहीं हैं।
वहीं, धुआंधार प्रचार के बीच मतदाता भी अपने पसंद के महापौर प्रत्याशी को राजनीतिक तराजू पर तौल रहे हैं। चुनावी संग्राम ऐसा कि सुबह से निकलती हैं तो फिर देर रात घर लौट रही हैं। ऐसी व्यस्तताओं के बीच महापौर पद की दोनों प्रबल दावेदार पत्रिका कार्यालय पहुंचीं। शहर के विकास, जनता की के मुद्दे और सवालों के जवाब दिए। साथ ही अपने-अपने दावों, प्राथमिकता और चुनौतियों को भी साझा किया।
CG Election 2025:आमने-सामने
दीप्ति दुबे ने कहा- मुझे जनता पर भरोसा, विकास की पटरी पर दौड़ेगा शहर
सवाल
70 वार्डों में कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्या प्राथमिकताएं हैं ?
निगम व स्मार्टसिटी में भ्रष्टाचार कितना बड़ा मुद्दा है, जीतेंगी तो क्या करेंगी ? मूलभूत सुविधाओं के लिए जनता परेशान है। प्राथमिकता क्या होगी ? मीनल चौबे बोलीं- साइकोलॉजिस्ट हूं, समस्याओं के समाधान पर ज्यादा फोकस
कामकाज का अनुभव सवाल: अपनी जीत के रास्ते में कांग्रेस प्रत्याशी को चुनौती मानती हैं? मीनल का जवाब: कांग्रेस प्रत्याशी दीप्ति दुबे कोई चुनौती नहीं है, क्योंकि उन्हें राजनीति और निगम के कामकाज का अनुभव है ही नहीं। वे सिर्फ महापौर रहे प्रमोद दुबे की पत्नी के रूप में वोट मांग रहीं हैं। मैंने शहर के मुद्दे उठाए हैं, क्योंकि पांच साल नेता प्रतिपक्ष और तीन बार पार्षद रही हूं। अनुभव के साथ निगम का प्रशासनिक काम और शहर का विकास कर सकती हूं। इसलिए जनता पर पूरा भरोसा है। निगम में ट्रिपल इंजन की सरकार बनने से विकास कार्य सांय-सांय होंगे।
शिक्षा-स्वास्थ्य पर फोकस
सवाल: आरोप है कि आपको कोई अनुभव नहीं हैं। कैसे प्रशासन चलाएंगी ? दीप्ति का जवाब: ऐसे आरोप मायने नहीं रखते हैं। पहली बार मीनल भी अपने पार्षद पति की सीट महिला होने पर पार्षद बनी थीं। मैं उन्हें नहीं, बल्कि भाजपा को जरूर चुनौती मानती हूं। मैं साइकोलॉजिस्ट हूं। जनता की समस्याओं को समझती हूं। लंबे समय से शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही हूं। उसी आधार पर निर्णय स्वयं लूंगी। जरूरत पड़ने पर अपने पति प्रमोद दुबे का सहयोग लूंगी, क्योंकि उन्हें अच्छा अनुभव है। मैं 2002 से सक्रिय हूं।
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दीप्ति : शहर का विकास 15 सालों में कम नहीं हुआ है। यह कहना गलत है कि कोई काम हुआ ही नहीं। मैं जनता की समस्याओं के समाधान पर भरसक काम करूंगी। पांच साल प्रमोद दुबे महापौर रहे, उनके कामों को आज भी लोग याद करते हैं।
मीनल: 15 सालों से निगम में कांग्रेस की सत्ता रही है। इसके बावजूद पेयजल संकट, जलभराव, खुली नालियां, मच्छर, भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं हैं। मैं पूरे प्लानिंग से इन समस्याओं के समाधान पर काम करूंगी।
मीनल: कांग्रेस महापौर के कार्यकाल में निगम और स्मार्ट सिटी कंपनी में भ्रष्टाचार की भरमार रही है। नेता प्रतिपक्ष के रूप में मैंने ऐसे मुद्दों को हमेशा उठाया है। ऐसे सभी कामों के टेंडर शर्तों की जांच कराकर कार्रवाई करूंगी।
दीप्ति: मैं सकारात्मक राजनीति की पक्षधर हूं। आरोप-प्रत्यारोप में विश्वास नहीं रखती हूं। भ्रष्टाचार गंभीर मुद्दा है। सरकारें चाहे किसी की भी हों, परंतु जब भी ऐसे मुद्दे उठेेंगे तो उच्च स्तर पर जांच और दोषियों पर कार्रवाई करूंगीं।
मीनल: मूलभूत सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार सूडा के माध्यम से सीधे फंड देती है। कांग्रेसी महापौर के वजह से इसका बहुत दुरुपयोग हुआ। मैं केंद्र व राज्य के फंड के प्लान बनाकर विकास करूंगी। पेयजल, सफाई, जलभराव, मच्छरों के मुद्दों पर काम करूंगी।
दीप्ति: शहर की 70 वार्डों की जनता को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास करूंगी। मैं साइकोलॉजिस्ट हूं, जनता की समस्याओं को समझती हूं। प्लानिंग के साथ काम करूंगी। प्रमोद दुबे का व्यवहार सभी जगह अच्छा है, इसलिए मैं जीतूंगी।
मीनल: तालाबों का सिर्फ संरक्षण होना चाहिए, सौंदर्यीकरण नहीं। सौंदर्यीकरण उसके आसपास हो। इच्छाशक्ति के अभाव में ऐसी स्थिति बनी है। प्रधानमंत्री की मंशा है कि हर गरीब के सिर पर छत हो। इसलिए सहमति से पक्का आवास मुहैया कराऊंगी। जबर्दस्ती किसी को बेदखल नहीं किया जाएगा। यूथ हब का प्लान दिखाकर साइंस कॉलेज चौपाटी बनाई, जो गलत है।
दीप्ति: तालाबों पर ज्यादा से ज्यादा काम होना चाहिए। कांग्रेस नीति गरीबों को उजाड़ने वाली कभी नहीं रही, बल्कि सुविधाएं मुहैया कराने की प्राथमिकता रही है। अवैध कब्जा शहर की बड़ी समस्या है, परंतु इसका समाधान यह नहीं कि लोगों पर कहर बरपाया जाए। उन्हें व्यविस्थत करने की दिशा में काम करूंगी।
तालाबों की दुर्दशा, चौपाटी, अवैध कब्जे, पक्का आवास.. इस बारे क्या सोचती हैं ?
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