Sunday Guest Editor: घरवालों ने निडर होना सिखाया
Sunday Guest Editor: भारती कहती हैं कि बेबाकी से काम करना और किसी से नहीं डरना ही मेरी पहचान है, जो मुझे दूसरों से अलग करती है। कभी सोचा नहीं था कि फिल्म बनाऊंगी या निर्देशन करूंगी। अच्छी फिल्में देखने के शौक और समाज के लिए कुछ करने के जुनून ने मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया। इसके अलावा मेरे पति को फिल्म देखने का बहुत शौक था और मैं
बिजनेस करना चाहती थी, तो पति के शौक और मेरे बिजनेस के पैशन ने मुझे फिल्म निर्माता और निर्देशक बना दिया।
वह कहती हैं कि मेरे दादा-दादी और बुआ ने मुझे सिखाया कि कभी गलत काम नहीं करना और किसी से नहीं डरना। इस कारण ही मैं बहुत बेबाकी के साथ अपनी बात रखती हूं और किसी ने नहीं डरती। क्योंकि मेरा ऐसा मानना है कि जब आप कुछ गलत काम करते हैं, तो डरते भी हैं। मैंने फिल्म निर्देशन या
निर्माण का कहीं भी कोर्स नहीं किया। बस अपने काम में फोकस रहना और उसे अच्छे से अच्छा प्रयास करना ही मुझे फिल्मों की बारीकियां सिखा गया।
सोच यह: कोई कमी निकालता है तो परेशान न हाें, प्रतिभा और निखरेगी।
नकारात्मक लोग ही मेरे प्रेरक: जब लोग आपके काम में गलतियां निकालते हैं, तो आपको उनसे सीखने को मिलता है। वे इतनी ऊर्जा लगाकर आपके भले के लिए ही कार्य करते हैं तो वे मेरे लिए प्रेरक ही हुए, क्योंकि ऐसे लोग ही मेरी फिल्में देखने जाएंगे। मेरी पहली फिल्म ही युवाओं को मोटिवेट करने वाली थी। सुझाव भेजें sunday@in.patrika.com