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IED Recovered in Sukma: नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, 10 किलो का आईईडी बरामद कर जवानों ने किया डिफ्यूज यह गिट्टी राह चलते लोगों को चूभने लगी हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत इस सडक़ का निर्माण वर्ष 2022-23 में किया गया है। लगभग डेढ़ से दो करोड़ रुपए इस सडक़ के निर्माण में खर्च हुए हैं पर यह सडक़ निर्माण के बाद से
ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बना हुुआ है। सोल्डर उखड़े हुए हैं। 6 किलोमीटर के दायरे में जगह-जगह सडक़ धंसी हुई नजर आ रही है।
इस रूट पर सफर रिस्की
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बनाई गई सडक़ों का पत्रिका टीम ने जायजा लिया तो
भ्रष्टाचार की परतें खुलती नजर आई। कोरकोट्टी जंक्शन के समीप सडक़ उखड़ी हुई है। डामर तो नजर नहीं आ रहा है पर नुकीली गिट्टियां बिखरी हुई हैं। इस सडक़ के बनने से ग्रामीणों की राह तो आसान हुई है तो वहीं नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की आवाजाही बढ़ी है पर अब सडक़ की बदतर हालत की वजह से इस रूट पर सफर रिस्की हो चला है।
अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं
सडक़ का ठेका विकास कंस्ट्रक्शन को दिया गया है। शर्त के अनुसार ठेकेदार को सडक़ की मरम्मत करानी है पर स्थिति देखकर लग रहा है कि अफसरों के साथ ही ठेकेदार ने कभी यहां झांका भी नहीं है जबकि सडक़ को गारंटी पीरियड में होना बताया जा रहा है। शर्त के अनुसार ठेकेदार को सडक़ किनारे झाडिय़ों की सफाई करानी है। रैन कटर का सुधार करना है ताकि बारिश में सडक़ पर जल का भराव न हो।
ठकेदार ने दोबारा झांका भी नहीं
सोल्डर की मरम्मत करानी है। मरम्मत नहीं होने की वजह से ही सोल्डर भी धंसने लगा है। किलोमीटर पत्थर की रंगाई के साथ ही पोताई करानी है पर निर्माण के बाद ठेकेदार ने सडक़ की ओर दोबारा मूडक़र देखा ही नहीं है। पत्रिका टीम ने देखा कि कोरकोट्टी जंक्शन के समीप सूचना बोर्ड तो लगाया गया है पर लागत, कार्य पूर्णता की अवधि का जिक्र नहीं किया गया है।
लंबे समय से मरम्मत नहीं
यही हालत मानपुर जंक्शन से मुंजाल कला सडक़ की है। दो से तीन किलोमीटर की यह सडक़ भी उखड़ गई है और लंबे समय से इसकी मरम्मत तक नहीं कराई गई है। इस सडक़ की हालत देखकर स्पष्ट पता चल रहा है कि ठेकेदार ने डामर बिछाने में कंजूसी की है। सडक़ की उपरी परत तो छील सी गई है। यहां भी जगह-जगह बजरी गिट्टी नजर आ रही है।