सिंचाई के लिए नहरों का खोलना-बंद करना
मानसून की अच्छी बारिश और गोमती व खारी फीडर से पानी की भरपूर आवक के कारण झील का जलस्तर 28 फीट तक पहुंच गया था। सिंचाई विभाग के अनुसार, जल वितरण उपयोग समिति की बैठक में सिंचाई के लिए नहरें खोलने का निर्णय लिया गया था।- नवंबर: रेलणी के लिए नहर खोली गई।
- दिसंबर: नहर को फिर से खोला गया, लेकिन मावठ और बादल छाने के कारण बंद कर दिया गया।
- जनवरी व फरवरी: सिंचाई के लिए नहर फिर से खोली गई।
- मार्च: बायीं नहर को दोबारा किसानों की मांग पर खोला गया, लेकिन अब इसे बंद किया जा चुका है। दायीं नहर को रविवार को बंद किया जाएगा।
शहरी क्षेत्र में जल आपूर्ति
राजसमंद झील से शहरी क्षेत्र को प्रतिदिन 17-18 एमएलडी पानी की सप्लाई की जाती है। गर्मी के बढ़ते तापमान के साथ पानी की मांग में वृद्धि के कारण सप्लाई को 20 एमएलडी तक बढ़ा दिया जाता है। शहरी क्षेत्र में 48 घंटे के अंतराल में पानी की सप्लाई की जाती है।टैंकरों से जल आपूर्ति की तैयारी
शहरी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में पेयजल की सप्लाई नियमित रूप से होती है। हालांकि, सनवाड़ के ऊपरी क्षेत्र और रीको के आस-पास के क्षेत्रों में जल की कमी के कारण टैंकरों से जल आपूर्ति की जाती है। इसके लिए जलदाय विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है।झील का वाष्पीकरण और जलस्तर की स्थिति
राजसमंद झील लगभग 2.82 किमी चौड़ी और 6.4 किमी लंबी है, जिसकी भराव क्षमता 30 फीट है। गर्मी के दौरान झील से 4-5 फीट तक पानी वाष्पित हो जाता है। वर्तमान जलस्तर को देखते हुए मानसून तक झील में 8-10 फीट पानी रहने की उम्मीद है।जलदाय विभाग का बयान
“झील में पेयजल के लिए पानी भरपूर है। गर्मी में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। डिमांड बढ़ने पर पेयजल आपूर्ति 20 एमएलडी कर दी जाती है। जरूरत पड़ने पर टैंकरों की भी व्यवस्था की गई है।”— दीपेश चौधरी, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग, राजसमंद
सिंचाई विभाग की जानकारी
“झील से निकलने वाली दायीं नहर को कल बंद कर दिया जाएगा, जबकि बायीं नहर पहले ही बंद हो चुकी है। झील का जलस्तर 16.50 फीट है।”— मानसिंह, एक्सईन, सिंचाई विभाग, राजसमंद